डाटा लीक में जुड़ा ट्विटर का नाम
- इस डेटा की मदद से मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रोफाइल और वोटर्स को टारगेट करना आसान हो सका।
- कैम्ब्रिज एनालिटिका (CA) डेटा लीक विवाद में फेसबुक का नाम सामने आने के बाद अब माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर का भी नाम जुड़ता दिख रहा है।
- मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 2015 में माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट से ये डेटा खरीदा गया था।
डिजिटल डेस्क, लंदन। कैम्ब्रिज एनालिटिका (CA) डेटा लीक विवाद में फेसबुक का नाम सामने आने के बाद अब माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर का भी नाम जुड़ता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि 2015 में माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट से ये डेटा खरीदा गया था। इस डेटा की मदद से मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रोफाइल और वोटर्स को टारगेट करना आसान हो सका। बता दें कि इससे पहले CA ने करीब 8.7 करोड़ फेसबुक यूजर्स के डेटा को बिना उनकी अनुमति और जानकारी के इस्तेमाल किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था।
3 साल पहले ट्विटर से खरीदा था डाटा
संडे टेलिग्राफ की रिपोर्ट में कहा गया है ब्रिटिश पॉलिटिकल कंसल्टिंग फर्म CA के लिए अलेक्जेंडर कोगन ने टूल्स बनाए थे। इन टूल्स की मदद से पॉलिटिकल कंसल्टिंग के लिए मनोवैज्ञानिक तरीके से प्रोफाइल और वोटर्स को टारगेट करना आसान हो सका। खास बात यह है कि अलेक्जेंडर कोगन ही वो शख्स है जिसने स्कैंडल सामने आने से 3 साल पहले 2015 में माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट से डेटा खरीदा था। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कोगन ने ग्लोबल साइंस रिसर्च (GSR) की स्थापना 2014 में की थी, जिसे ट्विटर डेटा तक ऐक्सेस की अनुमति मिल गई थी।
पैटर्न समझने के लिए डाटा का उपयोग
इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वैसे तो ज्यादातर ट्वीट्स पब्लिक हैं, पर ट्विटर कंपनियों और संगठनों से बड़े पैमाने पर इन्हें इकट्ठा करने के लिए चार्ज करता है। इस डेटा का उपयोग जनता की राय के पैटर्न को समझने या कुछ विशेष मुद्दों और विचारों को जानने के काम में इस्तेमाल किए जाता हैं। ट्विटर के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कैम्ब्रिज एनालिटिका द्वारा संचालित सभी अकाउंट्स को लेकर हमने नीतिगत फैसला लिया है। हालांकि CA हमारे प्लैटफॉर्म पर एक ऑर्गेनिक यूजर बनी रह सकती है। वहीं, CA के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने पॉलिटिकल ऐडवर्टाइज़िंग के लिए ट्विटर का इस्तेमाल किया लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि हमने GSR के साथ ट्विटर डेटा को लेकर किसी प्रॉजेक्ट पर काम नहीं किया और CA को GSR से ट्विटर डेटा कभी नहीं मिला।
फेसबुक यूजर्स का डाटा भी हुआ था लीक
गौरतलब है कि इससे पहले "कैम्ब्रिज एनालिटिका" पर करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा उनकी इजाजत के बिना यूज करने का आरोप लगा था। एक चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस बात का खुलासा किया था। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये बात निकलकर आई थी कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करोंड़ों फेसबुक यूजर्स के पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया। इसके साथ ही ये भी दावा किया गया था कि कंपनी ने 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस डाटा का इस्तेमाल किया और ट्रंप को फायदा पहुंचाया। इसके लिए कंपनी ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया, जिससे लोगों के पॉलिटिकल इंटरेस्ट का अंदाजा लगाया जा सके। इस खबर के सामने आने के बाद के बाद फेसबुक को करीब 40 अरब डॉलर का नुकसान होने की बात कही गई थी।
Created On :   30 April 2018 11:04 PM IST