केरल बाढ़: UAE की 700 करोड़ की सहायता राशि पर केन्द्र को मनाएगी केरल सरकार
- UAE की तरफ से आए 700 करोड़ के मदद के प्रस्ताव को स्वीकार करने में केंद्र सरकार हिचक रही है।
- भारतीय
- विशेष रूप से केरलवासियों ने उनके राष्ट्र निर्माण में अत्यधिक योगदान दिया है।
- मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि UAE को किसी अन्य देश के रूप में नहीं माना जा सकता।
डिजिटल डेस्क, तिरुवनंतपुरम। केरल में बाढ़ की ज़बरदस्त तबाही के बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की तरफ से आए 700 करोड़ के मदद के प्रस्ताव को स्वीकार करने में केंद्र सरकार हिचक रही है। केंद्र सरकार के इस रुख को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा है, "जैसा कि मैं समझता हूं, UAE ने खुद ही इस सहायता का प्रस्ताव दिया है। UAE को किसी अन्य देश के रूप में नहीं माना जा सकता। भारतीयों, विशेष रूप से केरलवासियों ने उनके राष्ट्र निर्माण में अत्यधिक योगदान दिया है।"
विजयन ने कहा, "2016 की नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट पॉलिसी के अनुसार यदि किसी अन्य देश की सरकार स्वैच्छिक रूप से आपदा पीड़ितों को सहायता प्रदान करती है, तो केंद्र सरकार प्रस्ताव स्वीकार कर सकती है।" उन्होंने कहा, अभी केवल बात हो रही है, देखते हैं कि क्या होता है।
2016 National Disaster Management Policy says, "if govt of another country voluntarily offers assistance as a goodwill gesture in solidarity with the disaster victims,the central govt may accept the offer". Right now only talk is happening, let us see what happens: Kerala CM pic.twitter.com/iPA6dcyeaY
— ANI (@ANI) August 22, 2018
केरल के मुख्यमंत्री ने कहा, इंग्लैंड और भारत के बीच तीसरे टेस्ट मैच में जब भारत ने जीत हासिल की तो कप्तान विराट कोहली ने इस जीत को केरल बाढ़ पीड़ितों को समर्पित किया। इंग्लैंड से भी उन्हें हमारा ख्याल है। पूरी दुनिया हमें प्यार भेज रही है और ये हमें इस परिस्थिति से निपटने और बाहर निकलने के लिए मजबूत बना रहा है।
In 3rd test match between England India when India won, captain V.Kohli said, this win is dedicated to the victims. Even from England they"re keeping us in their thoughts. The whole world is sending us love that strengthens us further to overcome this: Kerala CM #KeralaFloods pic.twitter.com/cUJN8mtVUz
— ANI (@ANI) August 22, 2018
बता दें कि अबू धाबी के शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर 700 करोड़ रुपए की सहायता की पेशकश की थी। जिसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में केंद्र सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा गया था कि ऐसे संकेत मिले है कि भारत अपनी दिसंबर 2004 की डिजास्टर एड पॉलिसी के साथ जा सकता है और विदेशों से आ रहे सहायता के प्रस्ताव को स्वीकार करने से विनम्रतापूर्वक इनकार कर सकता है।
Created On :   22 Aug 2018 8:12 PM IST