किसानों को मनाने में जुटी सरकार, बढ़ाया रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य

Union Cabinet enhanced Minimum Support Prices for Rabi Crops
किसानों को मनाने में जुटी सरकार, बढ़ाया रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य
किसानों को मनाने में जुटी सरकार, बढ़ाया रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य
हाईलाइट
  • गांधी जंयती पर किसानों के हंगामें के एक दिन बाद आया बड़ा फैसला
  • यूनियन कैबिनेट ने रबी की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गांधी जयंती पर राजधानी दिल्ली में हुए किसानों के हंगामे के बाद केन्द्र सरकार ने रबी की फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है। इसके अनुसार, गेहूं की MSP 105 रुपए प्रति क्विंटल, मसूर की MSP 225 रुपए प्रति क्विंटल, कुसुम के पौधे की MSP 845 रुपए प्रति क्विंटल, जौ की MSP 30 रुपए प्रति क्विंटल, चने की MSP 220 रुपए प्रति क्विंटल और रेपसीड व सरसों की MSP 200 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा दी गई है। केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट के इस फैसले को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया। उन्होंने कहा, "सरकार के इस फैसले से देश के किसानों को 62,635 करोड़ का फायदा होगा।"

कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने ट्वीट कर बताया कि किसानों को सभी प्रमुख 23 फसलों के लिए लागत का 50% या उससे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा। यह निर्णय सरकार को वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि MSP में इस बढ़ोतरी से देश में खेती को प्रोत्साहन मिलेगा, खाद्य और पोषण सुरक्षा सक्षम होगी, उत्पादन में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित होगी एवं फसलों के आयात की लागत में कटौती होगी, जिससे मूल्यवान विदेशी मुद्रा बचायी जा सकेगी।

राधामोहन सिंह ने कहा, "फसलों का बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों को मिल सके इसके लिए प्रभावी खरीद तंत्र सुनिश्चित किया जा रहा है।FCI, NAFED, SFAC और नामित एजेंसियां खरीद शुरू कर रही हैं।"

बता दें कि एक दिन पहले ही दिल्ली-यूपी सीमा पर किसानों ने जमकर हल्ला बोला था। किसान अपनी 11 सूत्रीय मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे थे। हरिद्वार से 23 सितंबर को किसान दिल्ली में संसद का घेराव करने के लिए निकले थे, जिन्हें दिल्ली-यूपी सीमा पर रोक दिया गया था। यहां किसानों को रोकने के लिए भारी बल प्रयोग किया गया था। किसानों की कुछ मांगों पर सरकार ने सहमति भी जताई थी और अन्य मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया था।
 

 

Created On :   3 Oct 2018 8:51 PM IST

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