किसानों को मवाली कहने पर मिनाक्षी लेखी सफाई, बोलीं-मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया

Union Minister Meenakshi Lekhi clarification on her mawali statement
किसानों को मवाली कहने पर मिनाक्षी लेखी सफाई, बोलीं-मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया
किसानों को मवाली कहने पर मिनाक्षी लेखी सफाई, बोलीं-मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया
हाईलाइट
  • अगर किसी को ठेस पहुंची है
  • तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं
  • केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनके मवाली वाले बयान पर सफाई पेश की
  • लेखी ने कहा
  • मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनके मवाली वाले बयान पर सफाई पेश की है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, मुझसे सवाल पूछा गया कि 26 जनवरी को जिन्होंने लाल किले पर तिरंगे का अपमान किया, उनके बारे में आपको क्या कहना है? प्रेस के व्यक्ति के साथ मारपीट की गई, उसके बारे में आपका क्या कहना है? जवाब में मैंने कहा ये किसानों का काम नहीं हो सकता, ये तो मवाली हैं। लेखी ने कहा, मेरे बयान का गलत अर्थ निकाला गया है। किसानों से जुड़ी मेरी टिप्पणियों से अगर किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपनी बात वापस लेती हूं।

क्या कहा था मीनाक्षी लेखी ने?
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीनाक्षी लेखी ने जंतर मंदर पर किसानों के प्रदर्शन को लेकर कहा था कि पहली बात तो आप उनको किसान कहना बंद कीजिए क्योंकि वो किसान नहीं हैं, किसानों के पास इतना समय नहीं है कि वो जंतर-मंतर पर धरना देकर बैठे। वो अपने खेतों में काम कर रहा है। ये सिर्फ साजिशकर्ताओं द्वारा भड़काए हुए लोग हैं जो किसानों के नाम पर ये हरकतें कर रहे हैं। मीनाक्षी ने कहा था कि ये सिर्फ आढ़तियों द्वारा बैठाए हुए लोग हैं ताकि किसानों को कृषि कानून का फायदा न मिल सके। मीनाक्षी ने कहा 26 जनवरी को जो कुछ हुआ वो शर्मनाक था और विपक्ष द्वारा ऐसे लोगों को बढ़ावा दिया गया।

पिछले साल से किसानों का प्रदर्शन
बता दें कि नए कृषि कानूनों के खिलाफ देश के किसान पिछले साल से दिल्ली की बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान संगठनों की केंद्र सरकार से 12 दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका है। किसान तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े हैं। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि वह किसानों की मांगों के मुताबिक कानूनों में बदलाव कर सकती है, लेकिन कानून वापस नहीं लिए जाएंगे। वहीं इसी साल 26 जनवरी को लाल किले तक किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा हुई थी। रैली के दौरान प्रदर्शनकारी उग्र हो गए थे और कई उपद्रवियों ने लाल किले में घुसकर प्राचीर पर धार्मिक झंडा फहरा दिया था।

Created On :   22 July 2021 4:43 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story