उप्र : मोदी को खून से चिट्ठी लिख बुंदेलियों ने मनाया काला दिवस

UP: Bundelis celebrated black day by writing a letter to Modi with blood
उप्र : मोदी को खून से चिट्ठी लिख बुंदेलियों ने मनाया काला दिवस
उप्र : मोदी को खून से चिट्ठी लिख बुंदेलियों ने मनाया काला दिवस

महोबा, 2 नवंबर (आईएएनएस)। लंबे अरसे से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग कर रहे बुंदेलियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से चिट्ठी लिखकर शुक्रवार को काला दिवस मनाया।

इस दौरान महोबा जिला मुख्यालय के आल्हा चौक पर पिछले 492 दिनों से अनशन पर बैठे बुंदेली समाज संगठन के संयोजक तारा पाटकर ने कहा, 1947 में जब देश आजाद हुआ तब बुंदेलखंड एक राज्य था और नौगांव (छतरपुर) इसकी राजधानी थी। उस समय चरखारी के कामता प्रसाद सक्सेना यहां मुख्यमंत्री थे, लेकिन 22 मार्च, 1948 को बुंदेलखंड का नाम बदल कर विंध्य प्रदेश कर दिया गया और इसमें बघेलखंड को भी जोड़ दिया गया था।

इसके अलावा एक नवंबर, 1956 का दिन बुंदेलखंड के इतिहास का वह काला दिन है, जब बुंदेलखंड के दो टुकड़े कर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में विभाजित कर इसे भारत के नक्शे से ही मिटा दिया गया था। तभी से बुंदेलखंड दो बड़े राज्यों के बीच पीस रहा है। उन्होंने कहा, केंद्र की तत्कालीन (पंडित जवाहरलाल) नेहरू सरकार ने प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग के सदस्य सरदार के. एम. पणिक्कर की बुंदेलखंड राज्य बनाए रखने की सिफारिश को दरकिनार कर यह फैसला लिया था।

आयोग ने 30 दिसंबर, 1955 को जो रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी, उसमें बुंदेलखंड सहित 16 राज्य और तीन केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात शामिल थी, जिसमें आंशिक बदलाव कर नेहरू सरकार ने 14 राज्य व पांच केंद्र शासित राज्य बनाए। उसी दौरान बुंदेलखंड का विभाजन हो गया।

पाटकर ने कहा, आजादी के बाद से बुंदेलखंड के साथ लगातार भेदभाव होता चला आया है। इसीलिए शुक्रवार (एक नवंबर) को बुंदेलखंड के पांच दर्जन वाशिंदों ने काले लिबास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से खत लिखकर उनसे अपील की है कि जिस तरह जम्मू एवं कश्मीर राज्य से अनुच्छेद 370 हटाकर एक ऐतिहासिक भूल सुधारी है, उसी तरह बुंदेलखंड को पुन: राज्य का दर्जा देकर एक दूसरी भूल भी सुधारें।

 

Created On :   2 Nov 2019 1:30 PM GMT

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