अपने बयान पर ट्रोल हुए योगी, कोविंद को बताया था देश का पहला दलित प्रेसिडेंट
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। राजनेता अकसर अपने बयानों को लेकर ट्रोल होते रहते है। कई बार उनके सामान्य ज्ञान पर भी प्रश्न चिन्ह लगे है। इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने बयान को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए है। दरअसल योगी आदित्यनाथ ने एक चुनावी रैली के दौरान प्रेसिडेंट रामनाथ कोविंद को पहला दलित राष्ट्रपति बता दिया। इसका श्रेय उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया। यूजर्स सवाल पूछ रहे है कि केआर नारायणन भारत के पहले दलित राष्ट्रपति है या फिर रामनाथ कोविंद?
ये कहा था आदित्यनाथ ने
उत्तर प्रदेश में फूलपुर और गोरखपुर की लोकसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर चुनावी सरगर्मी तेज है। फूलपुर से बीजेपी प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह पटेल के समर्थन में रविवार को एक रैली आयोजित की गई थी। योगी आदित्यनाथ ने इस रैली में लोगों को संबोधित किया। आदित्यनाथ ने कहा, 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही ये संभव हो सका कि कोई दलित राष्ट्रपति बना। उन्होंने कहा, इस देश में कोई दलित भी राष्ट्रपति बन सकता है तो ये प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया ना कि बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी ने। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पहला दलित प्रेसिडेंट बताकर योगी आलोचकों के निशाने पर आ गए है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे है।
सीएम कर रहे खराब राजनीति
एक यूजर ने कहा, दलितों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री खराब राजनीति कर रहे हैं। फिरोज ने ट्वीट किया – ये बहुत निंदनीय बयान है, क्या राष्ट्रपति महोदय को सिर्फ इसलिए चुना गया कि वे दलित हैं। सुहैल मुकदम ने कहा – मेरी जानकारी के अनुसार केआर नारायणन पहले दलित राष्ट्रपति रहे। माफ करिएगा, सब कुछ 2014 के बाद से ही देश में हो रहा है। दानिश ने कहा – देश के पहले व्यक्ति की बस इतनी काबिलियत है कि वो दलित है। अखिलेश यादव नामक ट्विटर यूजर ने इसे गलत विचार करार दिया।
11 मार्च को उपचुनाव
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 11 मार्च को गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने वाले हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इन दोनों सीटों पर कब्जा किया था। गोरखपुर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तो फूलपुर से केशव प्रसाद मौर्या लोकसभा के लिए चुने गए थे। विधान परिषद सदस्य बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने फूलपुर के सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे के बाद गोरखपुर सीट खाली हुई थी। 11 मार्च को होने वाले उपचुनाव में बीजेपी ने वाराणसी के पूर्व महापौर कौशलेंद्र सिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने नागेंद्र प्रताप सिंह पटेल को चुनाव मैदान में उतारा है, इधर,कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता जेएन मिश्र के पुत्र मनीष मिश्र पर दांव खेला है। वहीं गोरखपुर लोकसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव के लिए बीजेपी ने क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्र दत्त शुक्ला को प्रत्याशी घोषित किया है।
Created On :   5 March 2018 5:36 PM IST