जेल से रिहा हुआ भीम आर्मी चीफ बोला, 2019 में भाजपा को हराना ही लक्ष्य
- चंद्रशेखर को एक नवंबर को रिहा किया जाएगा।
- चंद्रशेखर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल में बंद किया गया था।
- योगी सरकार ने भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण को समय से पहले से छोड़ने का फैसला किया है।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण को सहारनपुर की जेल से रिहा कर दिया है। रावण को साल 2017 में सहारनपुर में जातीय दंगा फैलाने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासूका) के तहत जेल भेजा गया था। रावण को गुरुवार रात 2:30 बजे जेल से रिहा किया गया। इससे पहले बुधवार योगी सरकार ने रावण को जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। जेल से रिहा होते ही कहा कि 2019 में भाजपा को हराना ही उनका लक्ष्य है।
Govt was so scared that they are going to be rebuked by Supreme Court, that they ordered an early release to save themselves. I"m confident that they"ll frame some charges against me within 10 days: I"ll ask my ppl to throw BJP out of power in 2019: Bhim Army Chief Chandrashekhar pic.twitter.com/h9JmBfQGmm
— ANI UP (@ANINewsUP) September 14, 2018
बता दें कि चंद्रशेखर रावण को पहले 1 नवबंर तक जेल में रहना था, लेकिन उसे अब पहले रिहा किया जाएगा। चंद्रशेखर को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत जेल में बंद किया गया था। चंद्रशेखर को साल 2017 में सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने इसकी जानकारी दी। अरविंद कुमार ने कहा कि चंद्रशेखर रावण को रिहा करने का आदेश सहारनपुर के जिलाधिकारी को भेज दिया गया है। माना जा रहा है कि योगी सरकार का ये फैसला दलित वोटों को साधने की एक कवायद है।
रिहा के बाद रावण का बीजेपी पर हमला
जेल से रिहाई के तुरंत बाद चंद्रशेखर आजाद ने सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। रावण ने कहा कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP को हराना है। बीजेपी सत्ता में तो क्या विपक्ष में भी नहीं आ पाएगी। बीजेपी के गुंडों से लड़ना है। उन्होंने कहा कि सामाजिक हित में गठबंधन होना चाहिए। रावण की रिहाई के दौरान भीम आर्मी के समर्थन काफी संख्या में जेल के बाहर जमा रहे। जेल के चारों तरफ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
बता दें कि पिछले साल सहारनपुर में दलितों और ठाकुरों के बीच जातीय हिंसा हुई थी। हिंसा के चलते करीब एक महीने तक जिले में तनाव रहा था। प्रशासन ने भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर को हिंसा का मुख्य आरोपी मानते हुए अरेस्ट किया और उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे। जिसके बाद डीएम सहारनपुर की रिपोर्ट पर चंद्रशेखर के खिलाफ रासुका लगा दिया गया था जिसे लेकर भीम आर्मी ने विरोध जताया था। साथ ही रावण की रिहाई की मांग को लेकर लखनऊ से दिल्ली तक प्रदर्शन हो रहे थे।
पश्चिम उत्तर प्रदेश में भीम आर्मी का खासा प्रभाव है। यही वजह है कि योगी सरकार ने लोकसभा चुनावों में दलितों की नाराजगी को दूर करने के लिए ये दाव खेला है। हाल में हुए कैराना और नूरपुर के उपचुनावों में बीजेपी को मिली करारी शिकस्त के पीछे भीम आर्मी के दलित-मुस्लिम गठजोड़ को बड़ी वजह माना जा रहा था। ऐसे में योगी सरकार इस हार से सीख लेकर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में जीत हासिल करना चाहती है। हालांकि दूसरी तरफ SC/ST एक्ट में मोदी सरकार की तरफ से लाए गए संशोधन से सवर्ण नाराज है। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि योगी सरकार का ये दाव कही सवर्णों की और ज्यादा नाराजगी का कारण न बन जाए।
Created On :   13 Sept 2018 8:03 PM IST