उप्र : पुलिसकर्मियों पर हुए हमले बाद गांव छोड़ भागे ग्रामीण
बरेली (उप्र), 10 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश का चौधरी करमपुर गांव, जहां एएसपी अभिषेक वर्मा सहित पुलिसकर्मियों पर 6 अप्रैल को भीड़ द्वारा हमला किया गया था, वह अब वीरान नजर आ रहा है।
विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित अधिकांश लोग या तो भाग गए हैं या छिप गए हैं।
सोमवार को पुलिस की एक टीम पर हमला करने वालों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
लगभग 200 लोग, जिनमें से 150 अज्ञात हैं, उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और 49 को अब तक गिरफ्तार किया गया है।
गांव की एक महिला ने कहा, मेरे पति हिंसा में शामिल नहीं थे और उस दिन घर से बस यह देखने के लिए बाहर निकले थे कि क्या हो रहा है। शायद वह घटना स्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गए। वह गुरुवार रात पास के जिले के एक रिश्तेदार के घर के लिए रवाना हुए। जाने से पहले, उन्होंने हमारे लिए व्यवस्था की।
उसने खुलासा किया कि घटना के बाद लगभग 20 अन्य पुरुष भी गांव से भाग गए।
पुलिस की कार्रवाई के डर से, गांव से पुरुषों के भाग जाने के कारण कटाई का काम बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
एक अन्य महिला जिसके पति और दो बेटों ने गांव छोड़ दिया है, उसने कहा, हम अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमताओं के साथ कटाई का प्रबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं। मेरे बच्चे मेरी मदद करते हैं, लेकिन हमें मजदूरों की जरूरत है जो लॉकडाउन के कारण अनुपलब्ध हैं।
समाजवादी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को डीआईजी राजेश पांडे से मुलाकात की और उनसे ग्रामीणों के जीवन को पटरी पर लाने का अनुरोध किया।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि घटना के बाद गांव में ज्यादातर परिवार भोजन और दवाओं की कमी का सामना कर रहे हैं।
इज्जतनगर स्टेशन हाउस अधिकारी के.के. वर्मा ने गुरुवार को खेतों में काम करने वाली महिलाओं और बच्चों के बीच भोजन के कुछ पैकेट वितरित किए, उन्होंने गांव में घोषणाएं कर निवासियों से लौट आने के लिए कहा।
एसएसपी शैलेष पांडे ने कहा कि हमने किसी को गांव छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया है और मैं उनसे घर लौटने और सामान्य जीवन जीने का अनुरोध करूंगा। हम केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे, जिनके खिलाफ हमारे पास वीडियो फुटेज जैसे निर्णायक सबूत हैं।
Created On :   10 April 2020 3:00 PM GMT