यूएस हमें बेचेगा C-17 एयरक्राफ्ट

एजेंसी, वाशिंगटन। अमेरिका ने भारत को एक सी-17 एयरक्राफ्ट बेचने का फैसला किया है। अमेरिकी रक्षा विभाग ने कहा कि सी-17 एयरक्राफ्ट भारतीय सेना में शामिल होने से भारत भविष्य में अपनी रणनीतिक वायु परिवहन जरूरतों को पूरा करने और अपनी हवाई परिवहन क्षमता को बढ़ा सकेगा।
सी-17 की अनुमानित लागत 366.2 मिलियन डॉलर है। इसकी बिक्री में कई उपकरण शामिल हैं। इसमें मिसाइल वार्निंग सिस्टम, एक काउंटर मेजर डिस्पेंसिंग सिस्टम, एक आईडेंटिफिकेशन फ्रेंड ऑर फोई (आईएफएफ) ट्रांसपोंडर, नेविगेशन इक्विपमेंट शामिल है। डिफेंस सिक्योरिटी को-ऑपरेशन एजेंसी ने सोमवार को कांग्रेस को भेजी अधिसूचना में कहा कि प्रस्तावित बिक्री भारत की वर्तमान और भविष्य की रणनीतिक वायु परिवहन क्षमता को बढ़ाएगा। एजेंसी ने मुताबिक भारत प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज से एक संवेदनशील क्षेत्र है। भारत सी-17 एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों की मदद के लिए कर सकेगा। इस सौदे से भारत अपने सैन्य बालों को त्वरित रणनीतिक हवाई परिवहन क्षमता भी उपलब्ध करा सकेगा।
कांग्रेस की अधिसूचना में यह स्पष्ट कहा गया है कि जिस तरह अमेरिका सेंसटिव टेक्नोलॉजी की रक्षा करता है, उसी तरह भारत भी उस सेंसिटिव टेक्नोलॉजी की रक्षा इसके जरिए कर सकेगा। पेंटागन ने कहा, यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका, उसकी विदेश नीति और नीति को न्यायोचित ठहराने संबंधी दस्तावेजों में जिन राष्ट्रीय सुरक्षा लक्ष्यों का जिक्र किया गया है, उन्हें आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
पेंटागन के मुताबिक बोइंग सी-17ए ग्लोबमास्टर थ्री एयरलिफ्ट एयरक्राफ्ट अमेरिकी एयर फोर्स में शामिल एक मालवाहक विमान है। सी-17 मुख्य परिचालन प्रतिष्ठानों और अग्रिम परिचालन स्थानों पर 17,0,900 पाउंड वजन को लाने-ले जाने में सक्षम है। यह विमान कम लंबी पट्टी पर पूरे वजन के साथ उतरने में सक्षम है। यह एयरलिफ्ट और एयर ड्रॉप अभियानों को अंजाम दे सकता है। इसके अलावा सामान और मरीजों को लाने-ले जाने का काम भी यह कर सकता है। एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक कॉकपिट और आधुनिक माल ढुलाई प्रणाली से युक्त होने के कारण इसमें पायलट, को-पायलट, लोडमास्टर इसे ऑपरेट कर सकते हैं।
Created On :   29 Jun 2017 7:26 PM IST