शिया बोर्ड ने फिर दिखाई 'रामभक्ति', राम के लिए चांदी के तीरों की पेशकश

Uttar Pradesh Shia Waqf Board offers 10 silver arrows for Lord Ram Statue in Ayodhya
शिया बोर्ड ने फिर दिखाई 'रामभक्ति', राम के लिए चांदी के तीरों की पेशकश
शिया बोर्ड ने फिर दिखाई 'रामभक्ति', राम के लिए चांदी के तीरों की पेशकश

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाल ही में कहा है कि अगली दिवाली से पहले अयोध्या में राम मंदिर बन जाएगा। इस बीच एक बार फिर से उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड की "रामभक्ति" सामने आई है। इस बार बोर्ड ने कहा है कि वो अयोध्या में बनने वाली भगवान श्रीराम की मूर्ति के लिए जमीन और चांदी के 10 तीर देना चाहता है। इसके लिए शिया बोर्ड ने उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक लेटर भी लिखा है और अपनी इस इच्छा को जाहिर किया है। बता दें कि उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या में भव्य राम मूर्ति बनवाने का प्रोजेक्ट सामने रखा है। 

शिया बोर्ड ने क्या की है पेशकश? 

शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने अयोध्या में लगने वाली 332 फीट ऊंची मूर्ति के लिए जमीन और भगवान राम के धनुष के लिए चांदी के 10 तीर देने की पेशकश की है। इसके लिए बोर्ड चेयरमैन ने बाकायदा सीएम योगी को एक लेटर भी लिखा है। इस बारे में बोर्ड चेयरमैन रिजवी का कहना है कि, वक्फ बोर्ड के पास बहुत सी जमीन खाली पड़ी है। सरकार चाहे तो हम वो जमीन भगवान राम की मूर्ति के लिए दे सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि न सिर्फ जमीन बल्कि हम बोर्ड की तरफ से मूर्ति के लिए चांदी के 10 तीस भी देना चाहते हैं। 

आतंकवाद का खात्मा भगवान राम इन्हीं तीरों से करें : रिजवी

भगवान राम की मूर्ति के लिए चांदी के 10 तीर दिए जाने पर बोर्ड चेयरमैन वसीम रिजवी ने कहा कि इस समय पूरी दुनिया में एक ही समस्या है और वो है आतंकवाद। इन 10 तीरों के देने के पीछे हमारी मंशा है कि भगवान राम आतंकवाद का खात्मा इन्हीं तीरों से करें और करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार अयोध्या में भव्य राम मूर्ति लगाने की तैयारी कर रही है। ये मूर्ति एशिया की सबसे बड़ी मूर्ति होगी। इससे न केवल अयोध्या का बल्कि पूरे प्रदेश का दुनिया में मान-सम्मान और गौरव बढ़ेगा। 

रिजवी पहले भी दिखा चुके हैं रामभक्ति

ये कोई पहली बार नहीं है जब वसीन रिजवी भगवान राम की भक्ति में रंगे दिखाई दिए हैं। रिजवी को उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान का करीबी माना जाता है, लेकिन सरकार बदलते ही उनपर भगवा रंग छा गया। इससे पहले भी रिजवी अपनी रामभक्ति दिखा चुके हैं। उन्होंने पहले ये बात मानी थी कि, अयोध्या में राम मंदिर था, जिसे बाद में बाबर ने तोड़ दिया और यहां मस्जिद बनवा दी। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए ये भी आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के इशारे पर कुछ मौलाना अयोध्या मसले को सुलझने नहीं दे रहे हैं। 

सुप्रीम कोर्ट में भी कर चुके हैं राम मंदिर बनाने की पेशकश

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी अयोध्या मसले पर सुनवाई के दौरान शिया वक्फ बोर्ड ने विवादित जगह पर राम मंदिर बनाए जाने की पेशकश की थी। शिया वक्फ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट पेश किया गया था, जिसमें कहा गया था कि, विवादित जगह पर राम मंदिर बने जबकि इससे थोड़ी दूरी पर मस्जिद बनाई जाए। बोर्ड का कहना था कि अगर मंदिर-मस्जिद को साथ बनाया गया तो यहां पर रोज विवाद देखने को मिलेंगे। वक्फ बोर्ड ने एफिडेविट में कहा था कि 1946 तक ये जमीन शिया वक्फ बोर्ड के पास थी लेकिन ब्रिटिशर्स ने गलत तरीके से इस जमीन का मालिकाना हक सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दिया था। बोर्ड ने कहा कि वो इस पूरे विवाद को शांति से निपटाना चाहता है। 

Created On :   17 Oct 2017 3:25 AM GMT

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