संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की याचिका पर भड़की विहिप

VHP erupts on petition of UN Human Rights Commission
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की याचिका पर भड़की विहिप
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग की याचिका पर भड़की विहिप
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नई दिल्ली, 3 मार्च (आईएएनएस)। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने पर विश्व हिंदू परिषद ने नाराजगी जताई है। विहिप ने कहा है कि किसी भी बाहरी को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।

विहिप के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, यूएनएचआरसी के पास हमारे देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। हम हैरान हैं कि यूएन मानवाधिकार आयोग को पाकिस्तान और अन्य तानाशाह देशों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं दिखता।

विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने भी इस मसले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में गैर मुसलमानों के साथ जानवरों से भी बुरा व्यवहार होता है। इन मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों के नारकीय जीवन पर बेशर्मी भरी चुप्पी साधने वाले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को उनकी भारतीय नागरिकता पर पीड़ा होने लगी?

सुप्रीम कोर्ट में सीएए के मसले पर दाखिल हस्तक्षेप याचिका में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त मिशेल बेचलेत जेरिया ने कहा है कि उन्हें एमिकस क्यूरे यानी अदालत के मित्र के तौर पर सुनवाई में शामिल होने के लिए मंजूरी दी जाए। इस याचिका पर भारती विदेश मंत्रालय भी तीखी प्रतिक्रिया जता चुका है।

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, सीएए देश का अंदरूनी मुद्दा है। भारत की संप्रभुता से जुड़े किसी भी मुद्दे पर किसी विदेशी पक्ष को हस्तक्षेप करने का कोई हक नहीं है।

Created On :   3 March 2020 2:31 PM GMT

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