विहिप ने पुरी रथ यात्रा पर रोक के आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह किया

VHP urges reconsideration of stay order on Puri Rath Yatra
विहिप ने पुरी रथ यात्रा पर रोक के आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह किया
विहिप ने पुरी रथ यात्रा पर रोक के आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह किया

नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को निकाले जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। जगन्नाथ मंदिर समिति और पुरी के शंकराचार्य के बाद अब विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने भी भगवान जगन्नाथ की परम्परागत रथ यात्रा को इस वर्ष भी निकाले जाने की मांग की है।

विहिप ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह कोरोना वायरस के कारण रथ यात्रा पर रोक लगाने के अपने आदेश पर पुनर्विचार करे।

विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने रविवार को कहा कि सैकड़ों वर्षों से अनवरत रूप से पुरी में निकाली जाने वाली भगवान श्रीजगन्नाथ की परम्परागत रथ यात्रा इस वर्ष भी निकाली जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के इस संकट काल में भी सभी नियमों और जन स्वास्थ्य सम्बन्धी उपायों के साथ यात्रा निकाली जा सकती है। यात्रा सुनिश्चित करने के लिए कोई मार्ग अवश्य ढूंढना चाहिए।

विहिप ने इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील की है।

विहिप महामंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के संकट काल में भी जनस्वास्थ्य की रक्षा करते हुए प्राचीन परम्परा की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए उचित मार्ग निकालना ओडिशा सरकार का दायित्व है। वास्तव में ओडिशा सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष इस संबंध में सभी पहलू ठीक से नहीं रख पाई।

परांडे ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय को इस संबंध में निर्णय लेने से पूर्व सभी संबंधित पक्षों को सुनना चाहिए था। कम से कम पुरी के शंकराचार्य गोबर्धन पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज के साथ मंदिर के ट्रस्टियों तथा यात्रा प्रबंधन समिति को तो सुना ही जाना चाहिए था। भगवान के रथ को प्रतीकात्मक रूप से हाथियों, यांत्रिक सहायता या कोविड परीक्षित पूरी तरह से स्वस्थ व सक्षम सेवाइतों के माध्यम से भी खींचा जा सकता है।

Created On :   21 Jun 2020 11:30 AM GMT

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