उपराष्ट्रपति ने अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को बढ़ाने का आह्वान किया
- उपराष्ट्रपति ने अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग-अकादमिक इंटरफेस को बढ़ाने का आह्वान किया
डिजिटल डेस्क, पुडुचेरी। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को भारत को एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
इसके लिए उन्होंने शैक्षणिक संस्थानों से आग्रह किया कि वे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, स्वास्थ्य और गरीबी जैसी समकालीन चुनौतियों का समाधान करने वाले परिणामोन्मुखी अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए उद्योग जगत के साथ अधिक संपर्क स्थापित करें।
पुडुचेरी में पुडुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का उद्घाटन करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान है, जो विकसित देशों को बाकी देशों से आगे रखता है। उन्होंने छात्रों से सामाजिक रूप से प्रासंगिक अनुसंधान करने और राष्ट्र को मजबूत बनाने और लोगों के जीवन में समृद्धि और खुशी लाने के लिए नए विचारों के साथ आने के लिए कहा।
उन्होंने पुडुचेरी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (पीटीयू) जैसे संस्थानों से छात्रों में नवाचार, प्रयोग और उद्यमिता की भावना का संचार करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में 623 जिलों में 50,000 स्टार्टअप हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिए खोले जाने के बाद से अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में 40 से अधिक तकनीकी स्टार्टअप काम कर रहे हैं।
यह बताते हुए कि 45 प्रतिशत स्टार्ट-अप की नेतृत्व टीमों में एक महिला उद्यमी है, उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह स्वस्थ प्रवृत्ति अधिक महिलाओं को उद्यमी बनने के लिए प्रेरित करेगी। महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता पर बल देते हुए नायडु ने जाति, धर्म और लिंग के नाम पर बनाई गई कृत्रिम बाधाओं को समाप्त करने का आह्वान किया।
उन्होंने विश्वविद्यालय के अधिकारियों से कहा कि उन्हें यह देखने के लिए एक पीढ़ी तैयार करनी चाहिए ताकि सभी प्रकार के सामाजिक भेदभाव समाप्त हो जाएं।
नायडू ने कहा कि ये स्टार्टअप मुख्य रूप से उपग्रहों, लॉन्च वाहनों और अन्य अंतरिक्ष आधारित अनुप्रयोगों के क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।
उन्होंने देश में साक्षरता के स्तर को बढ़ाने पर भी जोर दिया और कहा कि आजादी के 75 साल बाद भी देश की लगभग 20 प्रतिशत आबादी निरक्षर है।
उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि 22 से 23 प्रतिशत आबादी अभी भी गरीबी रेखा से नीचे है और कहा कि गरीबी पर ध्यान देने और इसे मिटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश की सर्वांगीण प्रगति के लिए लिंग और जाति के भेदभाव को व्यवस्था से हटाना होगा।
वेंकैया नायडू ने राज्य सरकारों, विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि पाठ्यक्रम में अरबिंदो, सुब्रमण्यम भारती और अन्य जैसे महान नेताओं और देश के दिग्गजों के जीवन और शिक्षाएं शामिल हों।
इस अवसर पर पुडुचेरी के उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन, मुख्यमंत्री एन. रंगासामी और राज्य के गृह मंत्री ए. नामाशिवयम, जिनके पास शिक्षा विभाग भी है, ने अपनी बात रखी।
आईएएनएस
Created On :   13 Sept 2021 8:00 PM IST