सूरत रेप केस: बच्ची और मां को 35000 रुपए में खरीदकर लाया था आरोपी

Victim of Surat rape case and her mother were bought from Rajasthan
सूरत रेप केस: बच्ची और मां को 35000 रुपए में खरीदकर लाया था आरोपी
सूरत रेप केस: बच्ची और मां को 35000 रुपए में खरीदकर लाया था आरोपी

डिजिटल डेस्क, सूरत। सूरत में हुए 11 साल की बच्ची के साथ रेप के मामले में क्राइम ब्रांच ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस का दावा है कि पीड़ित बच्ची और उसकी मां को राजस्थान से 35 हजार रुपए में खरीदकर गुजरात लाया गया था। सूरत में दोनों मां-बेटी को बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराया जा रहा था। बता दें कि सूरत के पांडेसरा स्थित सांई मोहन सोसाइटी के पीछे क्रिकेट ग्राउंड में 6 अप्रैल को एक 11 साल की बच्ची का शव मिला था। पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में मासूम के शरीर पर चोट के 86 निशान पाए गए थे।

हरसाई गुर्जर मामले का मास्टरमाइंड
पुलिस के मुताबिक हरसाई गुर्जर नाम का शख्स इस मामले का मास्टरमाइंड है। 15 मार्च को हरसाई राजस्थान से पीड़ित बच्ची और उसकी मांग को 35 हजार रुपए में खरीदकर लाया था। हरसाई सूरत में मार्बल लगाने का काम करता था। सूरत के कामरेज इलाके की एक साइट पर हरसाई ने दोनों मां बेटी को काम पर लगा रखा था। वह अकसर महिला से मिलने भी आता था। पुलिस ने हरसाई को राजस्थान में सवाई मोधोपुर जिले के गंगापुर से गिरफ्तार किया है। इससे पहले शुक्रवार को पुलिस ने हरसाई के भाई हरि सिंह, नरेश और अमर सिंह गुर्जर को गिरफ्तार किया था। 

मां और बेटी दोनों का रेप
पूछताछ में सामने आया है कि हरसाई गुर्जर ने मां और बेटी दोनों का रेप किया था। 20 मार्च को महिला अचानक लापता हो गई। जिसके बाद आरोपी ने कई दिनों तक बच्ची के साथ बलात्कार किया और उसे टॉर्चर किया। 5 अप्रैल को उसने बच्ची की हत्या कर दी। लाश को ठिकाने लगाने के लिए उसने घर से करीब 2 किलोमीटर दूर शव को फेंक दिया। जिस कार से लाश को ठिकाने लगाया गया था उसी के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

बच्ची की पहचान के लिए शहर में पोस्टर
इस केस में बच्ची की पहचान और परिवार के बारे में पता करना पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। बच्ची की पहचान करने के लिए पुलिस ने 20,000 रुपए का इनाम भी रखा था। पुलिस मान रही थी कि बच्ची बंगाल या उडीसा की हो सकती है इसलिए बंगाली और उडिया समेत 5 भाषाओं में 1200 पोस्टर शहर भर में लगाए थे। करीब 500 पुलिसकर्मियों को बच्ची की पहचान केरने के लिए लगाया गया था। इन पुलिसकर्मियों ने 8000 घरों में जाकर बच्ची का फोटो दिखाकर उसकी पहचान करने की कोशिश की। इसमें पुलिस को सफलता नहीं मिली। 

55 सेकंड की फुटेज से पकड़ाए आरोपी
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों तक पहुंचने के लिए भेस्तान क्षेत्र के अलावा नेशनल हाईवे के आसपास के इलाके के 800 से अधिक सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। इनमे सीसीटीवी की 55 सेकंड की फुटेज काफी मददगार साबित हुई। कार की पहचान होने पर सबसे पहले उसके मालिक से संपर्क साधा। उसने बताया कि उसका रिश्तेदार हरसाई गुर्जर बिना बताए 5 तारीख की रात कार लेकर गया था। इसी सुराग की मदद से पुलिस आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब हो पाई है।

बच्ची के शरीर पर मिले थे 86 निशान
बता दें कि सूरत के पांडेसरा स्थित सांई मोहन सोसाइटी के पीछे क्रिकेट ग्राउंड में 6 अप्रैल को एक 11 साल की बच्ची का शव मिला था। पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट में मासूम के शरीर पर चोट के 86 निशान पाए गए थे। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि बच्ची के साथ जानवरों की तरह रेप किया गया और प्राइवेट पार्ट्स में गर्भाशय तक घाव किए गए। हैवानियत जब यहां तक भी शांत नहीं हुई तो गला दबाकर आखिरकार उसकी जान ले ली गई।  

 

Created On :   21 April 2018 12:03 PM GMT

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