- लॉकडाउन से अनलॉक तक, लोगों के जीवन स्तर में आई गिरावट: सर्वे
- दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देशभर में कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान का शुभारंभ किया।
- मैं TMC के साथ हूं। यही समय है, जिनको TMC से प्यार है, वो TMC के साथ रहेंगे: TMC नेता शताब्दी रॉय
- भारत में पिछले 24 घंटे में #COVID19 के 15,158 नए मामले सामने आए। 175 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,52,093 हो गई है।
- इंडोनेशिया में कम से कम 42 लोगों की मौत, भूकंप ने घरों और इमारतों को किया क्षतिग्रस्त
CAA Protest: वैलेंटाइंस-डे पर प्रधानमंत्री को ये गिफ्ट देना चाहती हैं शाहीनबाग प्रदर्शन में बैठी महिलाएं

हाईलाइट
- महिलाओं का कहा- सरकार का कोई नुमाइंदा आए और हमसे बात करे
- गुरुवार को मोदी हैशटैग तुम कब आओगे सेलिब्रेशन हुआ
- 17 फरवरी को शाहीनबाग के प्रदर्शन पर आना है फैसला
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीनबाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजंस (NRC) के खिलाफ लगभग दो महीने से प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने कहा है कि वे 14 फरवरी को वैलेंटाइंस-डे के मौके पर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्यार का पैगाम देना चाहती हैं।
बता दें कि शाहीनबाग में पिछले करीब 2 महीने से महिलाएं और बच्चे सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसकी वजह से कालिंदीकुंज मार्ग बंद है। प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है, सरकार का कोई नुमाइंदा आए, हमसे बात करे और हमको आश्वस्त करे कि हम कानून वापस ले रहे हैं।
मोदी हैशटैग तुम कब आओगे सेलिब्रेशन हुआ
वैलेंटाइंस-डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शाहीनबाग में प्यार का पैगाम देने के लिए गुरुवार को मोदी हैशटैग तुम कब आओगे सेलिब्रेशन हुआ और प्रधानमंत्री मोदी के लिए शाहीनबाग के लोग एक टेडी बियर लेकर आए और ये संदेश देने की कोशिश की कि प्रधानमंत्री मोदी, आप आइए और हमसे बात करिए, नफरत मत करिए। साथ ही कहा कि शाहीनबाग आइए, प्यार के त्योहार का जश्न मनाइए, प्यार बांटिए और अपना तोहफा लेकर जाइए।
17 फरवरी को शाहीनबाग के प्रदर्शन पर आना है फैसला
शाहीनबाग में हुए इस कार्यक्रम में कई प्रदर्शनकारी खफा भी नजर आए। कुछ महिलाओं का कहना है कि जामिया में दो दिन पहले छात्रों के साथ मारपीट की गई और दो दिन बाद इस तरह का कार्यक्रम शाहीनबाग में करना एक गलत संदेश देना है। उन्होंने कहा कि 17 फरवरी को शाहीनबाग में सड़क पर चल रहे प्रदर्शन को लेकर फैसला आना है और जिन्होंने भी यह कार्यक्रम तय किया, उन्होंने ज्यादा लोगों से नहीं पूछा। कई लोग बीच में से उठकर चले गए। ये उन्हें अच्छा नहीं लगा।
कमेंट करें
ये भी पढ़े
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।