जल-जीवन-हरियाली योजना सरकारी खजाना लूटने का नया अध्याय : तेजस्वी

Water-life-greenery scheme new chapter of looting government treasury: stunning
जल-जीवन-हरियाली योजना सरकारी खजाना लूटने का नया अध्याय : तेजस्वी
जल-जीवन-हरियाली योजना सरकारी खजाना लूटने का नया अध्याय : तेजस्वी

पटना, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पर जोरदार सियासी हमला बोला।

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नीतीश ने चुनावी वर्ष में बिहार का खजाना लूटने के लिए एक नया काला अध्याय शुरू किया है।

तेजस्वी ने गुरुवार को सोशल मीडिया नेटवर्किं ग साइट (फेसबुक) के अपने वाल पर लिखा है, जल-जीवन-हरियाली के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी वर्ष में बिहार का खजाना लूटने का एक नया काला अध्याय शुरू किया है। इस योजना का कुल बजट 24500 करोड़ रुपये का है। तथाकथित योजना के पीछे नीतीश जी की योजना है कि कैसे चुनावी वर्ष में यह पूरा का पूरा बजट जदयू व भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं की जेबों में भरा जाए। इस योजना में सरकार की सक्रियता बस जन के धन को अपने भ्रष्ट मन के अनुसार बंदरबांट करने में है।

नीतीश इन दिनों जल-जीव-हरियाली यात्रा पर हैं। इस क्रम में वे राज्य के विभिन्न जिलों में इस योजना से जुड़े कार्यो को सरजमीं पर देख रहे हैं।

तेजस्वी ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली नामक लूट योजना के तहत जद (यू) और भाजपा के कार्यकर्ताओं को तालाब, पोखर बनवाने या नर्सरी खोलने के लिए 30 लाख से 40 लाख रुपये तक दिया जा रहा है। बालिका गृहों की भांति इस योजना का ऑडिट या जांच निष्पक्ष, तटस्थ या गैर-सरकारी स्वायत्त संस्था से करवाई जाए, जहां किसी प्रकार का कोई हितों का टकराव ना हो, वहां इस महा लूटखसोट की सारी कलई खुल जाएगी।

उन्होंने कहा कि आधे से अधिक तालाब, नर्सरी इत्यादि के दर्शन सिर्फ सरकारी कागज पर ही होंगे, जबकि शेष जो वास्तविकता के धरातल पर होंगे, वे भी या तो सरकारी जमीन पर या बिना अनुमति किसी और की निजी संपत्ति पर अतिक्रमण करके ही जैसे-तैसे, दिखावे के लिए बन गए होंगे। इस घोटाले के लक्षण संबंधित लोगों को अभी से साफ -साफ दिखने लगे हैं।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने चुनौती देते हुए कहा, मुख्यमंत्रीजी को जन सरोकार की जरूरतों से क्या मतलब! उन्हें बस अपनी कुर्सी, अपनी राजनीति और चुनावों की चिंता है। जब लोगों का जीवन ही खुशहाल नहीं रहेगा तो कैसी हरियाली? मैं चुनौती देता हूं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमारजी तथाकथित जल-जीवन-हरियाली योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर मुझसे बहस कर मुझे गलत साबित करके दिखाएं।

Created On :   26 Dec 2019 8:31 PM IST

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