जब मैंने एक विशाल कमरे में पूरा चीन देखा
बीजिंग, 24 मई (आईएएनएस)। जब चीन का संसदीय सत्र, जिसमें देश की शीर्ष विधायिका (एनपीसी) और उसके राजनीतिक सलाहकारों की शीर्ष सभा (सीपीपीसीसी) का सालाना आयोजन होता है, तो उस पर पूरी दुनिया का ध्यान केंद्रित हो जाता है। चीन की इस महत्वपूर्ण राजनीतिक सभा में छोटे-बड़े सभी फैसले लिये जाते हैं। आमतौर पर यह संसदीय सत्र हर साल मार्च की शुरुआत में होता है, लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से इसे स्थगित कर देना पड़ा, और निर्धारित योजना से करीब साढ़े दो महीने बाद अब इसका आयोजन किया जा रहा है।
हम सभी जानते हैं कि जब यह संसदीय सत्र शुरू होता है तब चीनी नेताओं पर जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का दबाव रहता है और किये हुए वायदों को पूरा करने के लिए अथक परिश्रम करते हैं। हालांकि, ऐसा कुछ दबाव संसदीय सत्र कवर करने वाले पत्रकारों पर भी रहता है, जिन्हें विभिन्न मीडिया इंवेंट में भाग लेना होता, प्रतिनिधियों और लोगों का इंटरव्यू लेना होता है, और जब तक सम्मेलन खत्म नहीं हो जाता, तब तक रिपोर्टिग, खबरें बनाने और देने के लिए हर समय तैयार रहना पड़ता है। काम के अलावा, करीब 3,000 अन्य पत्रकारों के साथ संसदीय सत्र कवर करने की एक दौड़ में शामिल होना पड़ता है।
लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। कोरोना महामारी के चलते संसदीय सत्र को कवर करने के लिए द ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल (चीन का संसद भवन) जाने वाले पत्रकारों की संख्या को सीमित किया गया है। यहां तक कि इस बार कोई भी प्रतिनिधि या सदस्य किसी भी तरह की ओपन-डे गतिविधि या ग्रुप इंटरव्यू नहीं कर सकेंगे। उसके लिए उनके होटल में खास बंदोबस्त किये गये हैं जहां से वे वीडियो के जरिए ही इंटरव्यू कर सकते हैं। न्यूज कॉन्फ्रेंस, ब्रीफिंग, या अन्य इंटरव्यू गतिविधियां भी ऑनलाइन ही की जाएंगी। इस बार विदेशों से पेइचिंग में किसी भी मीडिया और पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया है, जो हर साल किया जाता था।
दरअसल, इस साल मैं द ग्रेट हॉल न जाकर अपने ऑफिस में बैठकर ही साल 2020 का संसदीय सत्र कवर कर रहा हूं। साल 2018 में मैंने पहली बार यह सालाना राजनीतिक सत्र कवर किया था। मुझे अभी भी द ग्रेट हॉल के अंदर के हलचल भरे दृश्य याद हैं कि कैसे सैकड़ों पत्रकार अपने कैमरे और माइक के साथ वरिष्ठ अधिकारियों, प्रतिनिधियों के पीछे भाग रहे थे। मैंने तो कुछ महिला पत्रकारों की ऊंची-एड़ी के जूते टूटते हुए भी देखा है, और तो और अपने कैमरे को सही जगह पर रखने के लिए आपस में झगड़ते हुए भी देखा है।
जब मैंने चीन की शीर्ष विधायिका यानी नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के पूर्णाधिवेशन के उद्घाटन वाले दिन द ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में प्रवेश किया था, तो मैं सोच में पड़ गया कि यह देश में सबसे ज्यादा प्रबल स्थान है जहां सभी महत्वपूर्ण फैसले लिये जाते हैं।
चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग की सरकारी कार्य रिपोर्ट सुनने के लिए मैं बेहद उत्साहित था। प्रधानमंत्री ली ने कार्य रिपोर्ट पढ़कर सुनायी और उस रिपोर्ट में पूरा ब्यौरा दिया कि सरकार ने पिछले साल क्या किया था और अगले साल क्या करेगी। उस रिपोर्ट में उच्च गुणवत्ता वाले विकास, गरीबी खत्म करने और प्रदूषण कम करने की प्रतिबद्धता भी साफ झलक रही थी।
रिपोर्ट सुनते हुए, मैंने गैलरी में अपनी सीट से पहली मंजिल की ओर झांका जहां 3 हजार के आसपास एनपीसी प्रतिनिधि बैठे हुए थे। विभिन्न क्षेत्रों, जगतों और व्यवसायों के प्रतिनिधियों को देखा, वे विविध पृष्ठभूमि से आए थे। मैंने देखा कि वहां किसानों और श्रमिकों को उच्च-दर्जे के सरकारी अधिकारियों के समान दर्जा प्राप्त था। वे सभी प्रतिनिधि थे, और प्रत्येक के पास एक वोट था। मैंने जातीय समूहों और उन लोगों को भी देखा, जिन्होंने सत्रों में भाग लेने के लिए सैकड़ों मील की यात्रा की थी। अधिकांश प्रतिनिधि औपचारिक बिजनेस सूट में थे, लेकिन कुछ अपने रंगीन पारंपरिक वस्त्र में थे। मैं कह सकता हूं कि मैंने उस एक विशाल कमरे में पूरा चीन देख लिया।
उस साल द ग्रेट हॉल में पहली बार एक विशेष इंटरव्यू जोन यानी मंत्री गलियारा स्थापित किया गया था, जहां बैठक से पहले पत्रकारों को कुछ मंत्रियों और अधिकारियों से इंटरव्यू लेने का मौका दिया गया। दरअसल, यह ग्रुप इंटरव्यू मुख्य बैठक कक्ष की ओर जाने वाले मार्ग में हुआ था।
हालांकि, यह इंटरव्यू सुबह पौने 9 बजे शुरू होना था लेकिन मैं आधिकारिक उद्घाटन से तीन घंटे पहले पहुंच गया, ताकि इंटरव्यू वाली जगह पर एक अच्छा स्थान हासिल कर सकूं। लेकिन फिर भी मैं वहां पहला व्यक्ति नहीं था। कई दर्जनों साथी पत्रकार पहले से ही आये हुए थे, और सुरक्षा पोस्ट पर लाइन में खड़े थे। मैंने सोचा कि कोई बात नहीं, एक बार जब मैं सुरक्षा जांच से गुजर जाऊंगा तो जल्द ही एक अच्छा स्थान प्राप्त कर लूंगा। फिर मैंने दो और सुरक्षा पोस्टों पर पत्रकारों की लाइन देखी, और सब उचित स्थान प्राप्त करने की दौड़ में थे। वाकई, यह मैराथन और 100-मीटर स्प्रिंट के मिश्रण की तरह था।
अंत में, मैंने हॉल में प्रवेश किया और आगे की पंक्ति में स्थान हासिल करने में कामयाब रहा। मुझे राज्य बौद्धिक संपदा कार्यालय के निदेशक शेन छांगयू से एक सवाल पूछने का मौका भी मिला। वो इंटरव्यू सत्र चीन के राष्ट्रीय टीवी सीसीटीवी पर सीधा प्रसारण हुआ। मेरे मित्रों और सहकर्मियों ने वो इंटरव्यू सत्र देखा और कुछ ने तो मुझे फोन करके बताया कि उन्होंने मुझे टीवी पर देखा है, और कुछ तस्वीरें भी भेजी।
वाकई, संसदीय सत्र के दौरान इंटरव्यू की यह नई शैली बहुत लोकप्रिय हो गई है। हर साल इस तरह का ग्रुप इंटरव्यू आयोजित होता। यह गलियारा इंटरव्यू पत्रकारों को एनपीसी प्रतिनिधियों और राजनीतिक सलाहकारों से सीधा सवाल पूछने का एक अच्छा अवसर देता है। चीन के सार्वजनिक सरोकारों के प्रति अधिक खुला और उत्तरदायी बनने के साथ, चीनी संसदीय सत्र को कवर करने वाले पत्रकार चीन के प्रतिनिधियों और सदस्यों तक और अधिक पहुंच पा रहे हैं।
( साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग )
-- आईएएनएस
Created On :   24 May 2020 1:00 AM IST