राजीव गांधी और अजीत डोभाल की एक पुरानी तस्वीर क्यों हो रही है वायरल

Why an old picture of Rajiv Gandhi and Ajit Doval is going viral
राजीव गांधी और अजीत डोभाल की एक पुरानी तस्वीर क्यों हो रही है वायरल
नई दिल्ली राजीव गांधी और अजीत डोभाल की एक पुरानी तस्वीर क्यों हो रही है वायरल
हाईलाइट
  • ऑपरेशन ब्लैक थंडर में कुछ आतंकियों ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की दशकों पुरानी एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है, जिसमें वो पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ बातचीत करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर को लेकर लोग अपनी-अपनी भावनाएं भी व्यक्त कर रहे हैं।

बताया जा रहा है कि ये तस्वीर 1988 की है, जब वो तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी से किसी मुद्दे पर बात कर रहे हैं। तस्वीर में पूर्व आईबी डायरेक्टर भी दिखाई दे रहे हैं। इस तस्वीर के बारे कई तरह की चर्चाए हैं। कहा जा रहा है कि उस वक्त अजीत डोभाल इंटेलीजेंस ब्यूरो में ऑपरेशनल डायरेक्टर के पद पर थे और एम.के. नारायणन आईबी में डायरेक्टर हुआ करते थे। बताया ये भी जा रहा है कि, ये तस्वीर उस वक्त अमृतसर में हुए ऑपरेशन ब्लैक थंडर के समय की है।

अजीत डोभाल ने एक दशक तक आईबी के संचालन विंग का नेतृत्व किया है। इसके अलावा वो मल्टी एजेंसी सेंटर के संस्थापक अध्यक्ष भी थे। भारत के तीसरे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के. नारायणन के द्वारा उन्हें आतंक निरोधी कार्यों के लिए ट्रेनिंग दी गई है। बताया जाता है कि, ये तस्वीर उसी वक्त की है, जब ऑपरेशन ब्लैक थंडर को अंजाम देने की प्लानिंग की जा रही थी। साल 1988 में अजीत डोभाल ने ऑपरेशन ब्लैक थंडर के पहले स्वर्ण मंदिर में घुसकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा की थी।

ऑपरेशन ब्लैक थंडर में कुछ आतंकियों ने स्वर्ण मंदिर पर कब्जा कर लिया था। तब अजीत डोभाल रिक्शा चालक बनकर अंदर घुसे थे और आतंकियों को गुमराह कर कई जानकारियां जुटाई थी। इसी जानकारी के आधार पर बाद में कमांडो ऑपरेशन हुआ और आतंकवादियों को मारा गिराया गया।

अजीत डोभाल 1968 में भारतीय पुलिस सेवा में भर्ती हुए। उसके बाद से उन्होंने पंजाब और मिजोरम में उग्रवादी विरोधी अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इसी के बाद अजीत डोभाल को भारत का जेम्स बांड कहा जाने लगा। देश का मसला हो या फिर विदेश का, अजीत डोभाल हर जगह सक्रिय रहते हैं। फिर चाहे वो दिल्ली दंगों का मामला हो या चीन सीमा विवाद।

अजीत डोभाल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि इस तरह के खुफिया अभियानों में बड़े अधिकारी सीधे प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को रिपोर्ट करते हैं। कांग्रेस के कार्यकाल में भी अजीत डोभाल ने कई बड़े बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था, जो बिना राजनीतिक हस्तक्षेप के मुमकिन नहीं थे। ऐसे में माना जा रहा है कि राजीव गांधी के साथ इस तस्वीर में कुछ इसी तरह के मिशन की चर्चा की जा रही है।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   5 Aug 2022 2:01 PM GMT

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