चीन को योग की नहीं युद्ध की भाषा में समझाना उचित है : बाबा रामदेव

Yoga guru baba ramdev and dalai lama comment on china war with india
चीन को योग की नहीं युद्ध की भाषा में समझाना उचित है : बाबा रामदेव
चीन को योग की नहीं युद्ध की भाषा में समझाना उचित है : बाबा रामदेव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। योग गुरु रामदेव वैसे तो अपने योग की वजह से चर्चा में रहते हैं, लेकिन इसके साथ ही वे देश के विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी अपनी राय देने से नहीं चूकते हैं। मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत-चीन विवाद पर टिप्पणी करते हुए कह दिया कि अगर चीन हमारी योग की भाषा नहीं समझ रहा है तो उसे युद्ध की भाषा में ही समझाना उचित है।

बाबा रामदेव रविवार को मुंबई में अहिम्सा विश्व भारती संस्था द्वारा आयोजित वर्ल्ड पीस एंड हार्मोनी कॉन्क्लेव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव के साथ तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा भी शामिल हुए थे। कार्यक्रम में बाबा रामदेव ने कहा "हम योग की भाषा बोलते हैं, लेकिन जब कोई समझ ही नहीं रहा हो तो उसे युद्ध की भाषा में ही समझाना उचित रहता है।"

जब दलाई लामा ने पकड़ी बाबा की दाढ़ी

जब कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा को मंच पर बुलाया गया तो बाबा रामदेव ने उनके पैर छुए और जैसे ही वे ऊपर उठने लगे तो दलाईलामा ने रामदेव की दाढ़ी पकड़ ली और कुछ कहने लगे जिसके बाद दोनों हंसने लगे।

दोनों देश सैन्य शक्ति में सम्पन्न हैं

कार्यक्रम में दलाई लामा ने चीन पर कहा "भय से चिड़चिड़ापन पैदा होता है, चिड़चिड़ापन अंत में गुस्से में बदल जाता है और गुस्सा से हिंसा पैदा होती है।" सवांददाताओं के सवालों का जवाब देते हुए दलाई लामा ने कहा, "सीमा पर जो मौजूदा स्थिति है, उसमें न तो भारत और न ही चीन एक दूसरे को हरा सकते हैं। क्योंकि दोनों देश सैन्य शक्ति में सम्पन्न हैं।" उन्होंने कहा, "सीमा पार गोलीबारी की कुछ घटनाएं हो सकती हैं और यह कोई मायने नहीं रखता।" कहा कि हिंदी-चीनी भाई-भाई" की दिशा में एक बार फिर लौटना चाहिए।

Created On :   14 Aug 2017 6:24 PM IST

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