बड़ा फैसला: लोकपाल ने हिंडनबर्ग मामले में पूर्व SEBI चीफ माधबी बुच को दी क्लिनचिट, कहा- कोई ठोस सबूत नहीं

- लोकपाल ने पूर्व SEBI चीफ माधबी बुच को दी क्लिनचिट
- हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जुड़ा है पूरा मामला
- लोकपाल ने कहा- कोई ठोस सबूत नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व SEBI चीफ माधबी पुरी बुच को लोकपाल ने हिंडनबर्ग मामले में बुधवार को क्लिनचिट दे दी है। जांच रिपोर्ट के बाद लोकपाल ने साफ कर दिया है कि पूर्व सेबी प्रमुख पर लगे आरोप निराधार हैं। लोकपाल ने कहा कि बुच के खिलाफ जांच का आदेश देने के लिए कोई ठोस सबूत नहीं हैं।
बता दें कि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने माधबी पुरी बुच को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए थे। साथ ही, दावा किया गया था कि माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने अडाणी ग्रुप में निवेश से जुड़े एक फंड में काफी बड़ी रकम निवेश की। अब लोकपाल ने अपनी जांच रिपोर्ट में क्लिन चिट दे दी है।
माधबी बुच पर क्या था आरोप
साल 2017 में माधबी बुच ने सेबी ज्वाइन की थी। इसके बाद उन्हें साल 2022 में सेबी प्रमुख बनाया गया था। हालांकि, वह पद से रिटायर्ड हो चुकी हैं। सेबी प्रमुख के तौर पर माधबी पुरी बुच का कार्यकाल 28 फरवरी 2025 तक रहा।
इस दौरान इन्होंने ने आईपीओ से लेकर स्टॉक और F&O के लिए कई नियम लागू किए थे। इसी दौरान अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को लेकर कई सारे दावे किए। जिसके बाद कंपनी के शेयर तेजी से टूटने लगे। इसके कुछ समय बाद ही हिंडनबर्ग ने माधबी पुरी बुच पर एक और रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें इन पर भष्ट्राचार और अडानी ग्रुप से कनेक्शन के आरोप लगे थे।
हिंडनबर्ग का आरोप
साल 2024 के अगस्त महीने में हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अडानी ग्रुप के विदेशी फंड में सेबी चीफ माधवी पुरी बुच और उनके पति की हिस्सेदारी है। साथ ही, रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और सेबी के बीच मिलीभगत का भी आरोप लगाया था। बुच दंपति का कहना था कि कुछ भी नहीं छिपाया गया। आरोपों में कोई सच्चाई नहीं।
Created On :   28 May 2025 11:45 PM IST