पहलगाम आतंकी हमला: अमेरिका के बाद भारत को मिला रूस का साथ, पुतिन ने PM मोदी से फोन पर की बात, आतंकवाद से जंग में साथ देने का किया वादा

- भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव
- भारत को मिला रूस का समर्थन
- आतंकवाद से लड़ने के लिए दौहराई प्रतिबद्धता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव गहराता जा रहा है। इस हमले के खिलाफ कई देशों ने भारत को अपना समर्थन जताया। इसी क्रम में अब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी भारत को सपोर्ट किया है। उन्होंने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान पुतिन ने पीएम मोदी से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की प्रतिबद्धता दोहराई। रूसी राष्ट्रपति ने पहलगाम आतंकी हमले की आलोचना की। उन्होंने हमले में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
रूस ने भारत को किया सपोर्ट
इस संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर ट्वीट शेयर किया। इस पोस्ट में बताया गया कि चर्चा के दौरान रूसी के राष्ट्रपति ने बल देते हुए कहा कि हमले को अंजाम देने वाले लोगों और उनके समर्थकों को न्याय के कटघेरे में ले जाना चाहिए। बता दें, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के 15 दिन बाद पुतिन ने भारत को समर्थन दिया है।
रूस के विजय दिवस की 80वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस को शुभकामनाएं दी। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत में आगामी वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए पुतिन को निमंत्रण दिया। हाल ही में रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पहगाम आतंकी हमले के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर से फोन पर चर्चा की थी। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने भारत-पाक से संयम बरतने का अनुरोध किया है।
भारत-पाक के बीच जारी तनाव
पहलगाम आतंकी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से खराब संबंध और भी बदतर हो गए हैं। भारत-पाक के बीच मौजूदा तनाव के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सोमवार को बंद कमरे में बैठक बुलाई गई है। इस मसले पर पाकिस्तान ने आपात बैठक की मांग की है। पिछले सप्ताह पाकिस्तान के राजदूत ने गुतारेस से मुलाकात की थी। उन्होंने गुतारेस से क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी साझा की। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए हैं, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी बॉर्डर को बंद करना और आतंकवादी हमले के बाद राजनयिक संबंधों को सीमित करना शामिल है।
Created On :   5 May 2025 6:11 PM IST