Ram Mandir Flag Hoisting: 'डेमोक्रेसी हमारे DNA में है', राम मंदिर पर धर्म ध्वज लहराने के बाद बोले PM मोदी, बताया कैसे होगी देश की तरक्की?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अयोध्या के राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज फहराने के बाद भाषण दिया है। उन्होंने कहा कि राम कोई व्यक्ति नहीं हैं, वह एक मूल्य हैं। अगर हमें 2047 तक भारत को विकसित बनाना है, तो हमें अपने भीतर राम को जगाना होगा। इस संकल्प के लिए आज से बेहतर दिन और क्या हो सकता है। इसके अलावा पीएम ने यह भी बताया कि देश की तरक्की कैसे होगी? तो चलिए विस्तार से जानते हैं पीएम मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए क्या-क्या कहा?
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कैसे होगी देश की तरक्की?
PM मोदी ने कहा कि 25 नवंबर का यह ऐतिहासिक दिन हमारी विरासत पर गर्व का पल लाता है। इसका कारण है धर्मध्वजा पर अंकित कोविदर वृक्ष। यह कोविदर वृक्ष बताता है कि जब हम अपनी जड़ों से कट जाते हैं, तो हमारा गौरव इतिहास के पन्नों में दफन हो जाता है। जब राम मंदिर के प्रांगण में कोविदर को फिर से स्थापित किया जा रहा है, तो यह हमारी पहचान का कायाकल्प है। कोविदर वृक्ष हमें याद दिलाता है कि जब हम अपनी पहचान भूल जाते हैं, तो हम खुद को खो देते हैं। अगर देश को तरक्की करनी है, तो उसे अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। एक और जरूरी बात है गुलामी की मानसिकता से पूरी आजादी।
उन्होंने आगे कहा कि 190 साल पहले, 1835 में, मैकाले नाम के एक अंग्रेज ने भारत को उसकी जड़ों से उखाड़ने के बीज बोए थे। मैकाले ने भारत में गुलामी की नींव रखी। 10 साल बाद, 2035 में, उस अपवित्र घटना को 200 साल पूरे हो जाएंगे। अगले 10 सालों तक, हमें भारत को गुलामी की मानसिकता से आजाद करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ना है।
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डेमोक्रेसी हमारे DNA में है- पीएम
PM मोदी ने कहा सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि मैकाले का असर बहुत ज्यादा था। हमें आजादी तो मिल गई, लेकिन हम हीन भावना से आज़ाद नहीं हुए। एक सोच बिठा दी गई कि विदेश की हर चीज अच्छी है और अपनी चीज़ों में कमियां हैं। इसी गुलामी की सोच की वजह से हमने विदेश से डेमोक्रेसी ली। हमारा संविधान भी विदेशी देशों से प्रेरित है। जबकि सच्चाई यह है कि भारत डेमोक्रेसी की जननी है। डेमोक्रेसी हमारे DNA में है।
PM मोदी ने कहा कि मैं आदरपूर्वक कहता हूं कि यह समय साथ चलने का है। यह समय तेजी से आगे बढ़ने का है। हमें रामराज्य से प्रेरित भारत बनाना है। और यह तभी संभव है जब देश का हित निजी हितों से पहले आए।
Created On :   25 Nov 2025 1:57 PM IST












