कोर्ट की अपील: प्रेग्नेंट महिलाओं को मिले पोस्टल बैलेट से वोट डालने की सुविधा, तेलंगाना हाईकोर्ट की अपील पर चुनाव आयोग का रहा यह जवाब
- तेलंगाना हाईकोर्ट ने की अपील
- चुनाव में गर्भवती महिलाएं पोस्टल बैलेट से डाले वोट
- जानिए चुनाव आयोग ने क्या कहा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जिस प्रकार सरकार 85 साल से ज्यादा उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट डालने की अनुमति देती है, उसी तरह गर्भवती महिलाओं को भी पोस्टल बैलेट के माध्यम से वोट डालने की सुविधा दी जानी चाहिए। हाल ही मे तेलंगाना हाईकोर्ट में गर्भवती महिलाओं को डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डालने की अनुमति देने वाली एक याचिका दाखिल की थी। जिसे लेकर अब तेलंगाना हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से फैसला लेने के लिए कहा है। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा है कि गर्भवती महिलाएं भी पोस्टल बैलेट से अपना मत दे सकें, इस बारे में चुनाव आयोग को फैसला लेना चाहिए। तेलंगाना हाईकोर्ट ने यह बात 'केसना विष्णु वर्धन गौड़ बनाम भारतीय चुनाव आयोग' मामले में कही है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस धीरज सिंह ठाकुर और जस्टिस आर रघुनंदन रॉव की बेंच कर रही थी। तेलंगाना में लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण में मतदान हो चुका है। हाई कोर्ट के इस आदेश से कई गर्भवती महिलाओं के वोटिंग का अधिकार सुरक्षित हो सकता है।
यह भी पढ़े -गाजीपुर में सपा को चुनावी झटका, अफजाल अंसारी की बढ़ती मुश्किलों के बीच बेटी नुसरत के पर्चे निरस्त
क्या था पूरा मामला?
केसना गौड़ नामक महिला ने हाई कोर्ट में एक पीआईएल दायर की थी। जिसमें उसने यह मुद्दा उठाया था कि जो महिलाएं प्रेगनेंट हैं, वे चुनाव में अपना वोट नहीं दे पा रही हैं। ऐसी स्थिति में, जिस तरह 85 वर्ष से ज्यादा आयु के बुजुर्ग नागरिकों के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की व्यवस्था बनाई गई है, वही सुविधा गर्भवती महिलाओं को भी दी जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में जन-प्रतिनिधित्व कानून की धारा 60 का हवाला दिया था। 1951 के इस कानून की धारा 60 की मदद से चुनाव आयोग किसी भी वर्ग के लोगों को डाक मतपत्र के जरिए वोट डालने का नोटिफिकेशन जारी कर सकता है। केसना गौड़ की याचिका पर लंबी सुनवाई के बाद तेलंगाना हाईकोर्ट ने इस संबंध में चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
क्या रही चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया?
चुनाव आयोग की तरफ से पेश होने वाले वकील ने बताया कि लोकसभा चुनाव पहले ही शुरू हो चुका है। इसलिए, यह सुझाव दिया गया कि केसना गौड़ के उठाए गए मुद्दे पर भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए चुनाव आयोग विचार कर सकता है। इसके बाद हाईकोर्ट ने इस मामले का निपटारा यह कहते हुए कर दिया कि चुनाव आयोग गर्भवती महिलाओं के पोस्टल बैलेट से वोट डालने के फैसले पर आगे विचार करे।
Created On :   15 May 2024 9:12 PM IST