S. Jaishankar On Rajnath Singh: एससीओ मीटिंग में राजनाथ के हस्ताक्षर ना करने पर एस. जयशंकर ने दिया बयान, कहा- 'हस्ताक्षर ना करना..'

एससीओ मीटिंग में राजनाथ के हस्ताक्षर ना करने पर एस. जयशंकर ने दिया बयान, कहा- हस्ताक्षर ना करना..
  • एस जयशंकर ने आपातकाल पर भी दी प्रतिक्रिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन की रक्षा मंत्रियों की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के फैसले पर समर्थन दिया है। बता दें, एससीओ में राजनाथ सिंह ने दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। एक इंटर्व्यू में एस. जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि, एससीओ का मुख्य एजेंडा आतंकवाद से लड़ने का था। लेकिन एक देश ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए संयुक्त बयान में शामिल होने से इनकार कर दिया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। राजनाथ सिंह ने ये स्पष्ट तौर से कहा था कि अगर संयुक्त में आतंकवाद का उल्लेख नहीं होगा तो भारत बयान को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेगा। इसको लेकर ही एस. जयशंकर ने कहा कि, राजनाथ सिंह का एससीओ समिट में दस्तावेज पर साइन नहीं करना सही फैसला है।

एस जयशंकर ने किया राजनाथ सिंह के फैसले का समर्थन

जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससीओ समिट पर कहा, "एससीओ का गठन आतंकवाद से लड़ने के उद्देश्य से किया गया था। जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रियों की बैठक में गए और दस्तावेज पर चर्चा हुई, तो एक देश ने कहा कि वे इसमें आतंकवाद का उल्लेख नहीं चाहते। राजनाथ सिंह का सही मत था कि बिना आतंकवाद के उल्लेख के वे इसको बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करेंगे। एससीओ सर्वसम्मति से चलता है, इसलिए राजनाथ सिंह ने स्पष्ट कहा कि अगर बयान में आतंकवाद का उल्लेख नहीं होगा, तो हम उस पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।"

इमरजेंसी पर भी विदेश मंत्री ने की बात

विदेश मंत्री जयशंकर ने आपातकाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, "मैंने मॉक पार्लियामेंट में इमरजेंसी से जुड़े अपने विचार साझा किए। जिस समय देश में इमरजेंसी की घोषणा की गई थी, उस समय मेरी उम्र 20 साल के आसपास थी। हमें युवा पीढ़ी को बताना होगा कि आपातकाल के क्या नुकसान थे। उस दौर में किस तरह से मीडिया पर हमला किया गया। लोकतंत्र और संविधान की हत्या की गई और इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि को बिगाड़ा गया। मैंने युवाओं से कहा कि आपातकाल इसलिए लगाया गया, क्योंकि एक परिवार के हित को राष्ट्र हित से आगे रखा गया। आज राष्ट्र के हित को प्राथमिकता दी जाती है।"

Created On :   27 Jun 2025 3:57 PM IST

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