Shibu Soren Pension: शिबू सोरेन का हुआ निधन, जानें कितनी थी उनकी पेंशन, अब कौन होगा पेंशन का मालिक?

- शिबू सोरेन ने कहा 81 साल में दुनिया को अलविदा
- शिबू सोरेन को मिलती थी पेंशन
- जानें अब परिवार में कौन होगा पेंशन का हकदार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक और झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन ने 81 साल में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनको दिल्ली के हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। झारखंड के सीएम और उनके बेटे हेमंत सोरेन ने पोस्ट करते हुए दुख जताया है और जानकारी दी है। उनको किडनी से संबंधित परेशानियां थीं, साथ ही उनको और भी कई बीमारियां थीं। शिबू सोरेन झारखंड के पूर्व सीएम भी रह चुके हैं, इसलिए उनको पेंशन भी मिलती थी। तो चलिए जानते हैं कि उनको कितनी पेंशन मिलती थी और उनके बाद अब कौन उनकी पेंशन का मालिक होगा।
तीन बार सीएम पद की मिली जिम्मेदारी
पूर्व सीएम की सुविधाएं और पेंशन हर एक राज्य के हिसाब से अलग-अलग हो सकती हैं। वहीं, शिबू सोरेन के सीएम पद के बारे में जानें तो, ये तीन बार सीएम बने हैं। लेकिन तीनों बार ही इन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। बिहार से जब अलग झारखंड बना था, तब वे 2005 में सीएम पद के लिए नियुक्त किए गए थे। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के समय सिर्फ 10 दिन ही काम किया था। वहीं, दूसरे कार्यकाल में उन्होंने एक साल काम किया था और तीसरे साल उन्होंने कुछ महीने काम करके छोड़ दिया था।
कितनी है पूर्व सीएम सोरेन की पेंशन?
पूर्व सीएम को उनके काम और सेवा के समय के आधार पर ही पेंशन और सुविधाएं मिलती हैं। अगर कोई भी पूर्व सीएम विधायक के तौर पर काम करते हैं, तो उनको एक्स एमएलए के मुताबिक करीब 15 हजार रुपए महीना पेंशन मिलती है। अगर कोई सीएम अपने पद से हट जाते हैं और नियमित रूप से सीएम नहीं होते हैं तो भी उनकी पेंशन में कटौती हो जाती है। वहीं, पूर्व सीएम को यात्रा भत्ता, इंटरनेट, टेलीफोन खर्चा, मेडिकल के साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं।
किसको मिलेगी पेंशन?
अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि पूर्व सीएम शिबू सोरेन की पेंशन परिवार में किसको मिलेगी। नियमों के मुताबिक, पेंशनर के निधन के बाद पेंशन उनकी पत्नी को ही मलती है। अगर पेंशनर के दो बच्चे हैं तो और उनकी उम्र 25 से कम है तो दोनों को बच्चों को पेंशन का 25 प्रतिशत तक मिलता है। वहीं, पति या पत्नी को 50 प्रतिशत तक हिस्सा मिलता है। बच्चों को भी 25 प्रतिशत सिर्फ 25 साल की उम्र तक ही मिलता है। वहीं, पेंशनर के खत्म होने के बाद पत्नी को आजीवन पेंशन मिलती है। अगर पत्नी दूसरी शादी कर ले तो उसको पेंशन नहीं मिलती है और उसकी पेंशन खत्म करके बच्चों को दे दी जाती है। पेंशनर अपने मरने से पहले किसी व्यक्ति का नाम भी दे सकता है।
Created On :   4 Aug 2025 1:16 PM IST