डेल्टा प्लस वेरिएंट: दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत, अब तक दो मौत, जिसने वैक्सीन लगवाई वही बचा

Delta Plus Variant: India at number two in the world, so far two deaths, only the one who got the vaccine survived
डेल्टा प्लस वेरिएंट: दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत, अब तक दो मौत, जिसने वैक्सीन लगवाई वही बचा
डेल्टा प्लस वेरिएंट: दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत, अब तक दो मौत, जिसने वैक्सीन लगवाई वही बचा
हाईलाइट
  • एमपी में डेल्टा प्लस से दो मौतें
  • बढ़ रहा है डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा
  • भारत में अब तक मिले 40 मरीज

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। कोरोना का नया और घातक वेरिएंट डेल्टा प्लस तेजी से पैर पसार रहा है। अलग अलग राज्यों में इस वैरिएंट के मरीज मिलना शुरू हो चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक इस नए वैरिएंट के 52 मामले मिल चुके हैं। जिसमें से दो की मौत भी हो चुकी है।।बात करें पूरे विश्व के अनुसार तो भारत इस मामले में दूसरे नंबर पर आ चुका है। सबसे ज्यादा मामले अमेरिका में मिले हैं। 16 जून तक के आंकड़ों के अनुसार अमेरिका में 83 केस मिल चुके हैं। भारत में 52, ब्रिटेन में 36 मामले में मिल चुके हैं।इसके अलावा पुर्तगाल, स्विट्जरलैंड, जापान, पोलैंड, नेपाल, कनाडा और रूस भी इससे नहीं बच सके हैं।

भारत में क्या हालात?
माना जा रहा है कि डेल्टा प्लस वेरिएंट भारत में कोरोना की तीसरी लहर का कारण बन सकता है। तीन राज्य महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और केरल को इससे सतर्क रहने के निर्देश भी दिए गए हैं। देश में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के चालीस मामले जानकारी में आ चुके हैं। इसमें से मध्यप्रदेश में सात मामले मिले हैं। जिसमें दो की मौत हो चुकी है। एक्सपर्ट्स का दावा है कि दोनों मौतें उन लोगों की हुई हैं जिन्हें वैक्सीन नहीं लगी थी। जो टीके का डोज ले चुके थे वो इस वायरंट को हराने में कामयाब हुए।

डेल्टा वैरिएंट पर वैक्सीन कितनी कारगर?
नए वैरिएंट डेल्टा प्लस पर कौन सी वैक्सीन, कितनी कारगर है इस पर शोध जारी है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी ने इस पर अध्ययन भी किया है। कोवीशील्ड और कोवैक्सीन का असर इस नए वैरिएंट पर देखने की कोशिश की गई। अब तक जो नतीजे मिले उनके मुताबिक नए वैरिएंट के खिलाफ एंटीबॉडीज तो बन रही हैं। पर कोरोना के पुराने स्वरूप के खिलाफ जिस मात्रा में बन रही थीं उतनी नहीं बन रही हैं। हालांकि ये नहीं कहा जा सकता कि वैक्सीन बिलकुल ही बेअसर है। अब तक जो नतीजे सामने आए हैं उसमें वैक्सीन लेने वाले इस वैरिएंट से बचने में सफल रहे हैं। भारत में भी जो दो मौते हुई हैं उन्होंने वैक्सीन नहीं ली थी। इसके अलावा इंग्लैंड में 36 मरीज मिले। जिनमें से 18 को  टीके नहीं लगे थे। पर कोई भी मौत दर्ज नहीं की गई है।

क्या है डेल्टा प्लस वैरिएंट?
ये कोरोनावायरस का म्यूटेंट ही है। जो पहली बार भारत में मिला। इसे WHO ने नाम दिया है B।1।617।2। आम लोगों के लिए वैरिएंट का क्लासीफिकेशन अल्फा, बीटा, गामा की श्रंखला के आधार पर किया गया है। जिसमें से भारत में मिले वैरिएंट का नाम दिया गया डेल्टा वैरिएंट। इसका भी नया म्यूटेंट बन चुका है। जिसे डेल्टा प्लस कहा गया। ये अपने मूल वैरिएंट से ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है। यही वजह है कि बार बार वैक्सीनेशन कराने पर जोर दिया जा रहा है। क्योंकि कम कारगर ही सही इस खतरनाक वैरिएंट का असर कम करने के लिए वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय माना जा रहा है। 

Created On :   25 Jun 2021 5:27 AM GMT

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