शादी के बाद पत्नी से 'ओरल सेक्स' करना रेप है या नहीं? गुजरात हाईकोर्ट देगी फैसला

Gujarat HC to decide whether forced oral sex with wife is rape
शादी के बाद पत्नी से 'ओरल सेक्स' करना रेप है या नहीं? गुजरात हाईकोर्ट देगी फैसला
शादी के बाद पत्नी से 'ओरल सेक्स' करना रेप है या नहीं? गुजरात हाईकोर्ट देगी फैसला

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। शादी के बाद पत्नी से "ओरल सेक्स" करना रेप या मैरटल रेप की कैटेगरी में आता है या नहीं, इस पर गुजरात हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाने वाली है। हाईकोर्ट इस बात पर भी अपना फैसला देगी, कि ऐसे मामलों में आरोपी पर ट्रायल किया जा सकता है या नहीं? कोर्ट इस बात पर अपना फैसला सुनाएगी कि शादी के बाद पत्नी की मर्जी के बिना उसके साथ "ओरल सेक्स" करना रेप, मानसिक क्रूरता या सेक्शुअल हैरेसमेंट की कैटेगरी में आएगा या नहीं? बता दें कि गुजरात में एक आदमी ने इसी मामले में अपनी पत्नी की तरफ से की गई FIR को खारिज करने के लिए हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल की है। 

 

सरकार से मांगा जवाब

 

इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस जेबी पर्डीवाला ने सरकार से जवाब मांगा है। साथ ही उस महिला को भी नोटिस भेजा है, जिसने इस मामले में FIR दर्ज कराई है। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा है "क्या एक पत्नी अपने पति के खिलाफ अननेचुरल सेक्स के लिए IPC के सेक्शन-377 के तहत केस कर सकती है? अगर पति अपनी पत्नी को ओरल सेक्स के लिए मजबूर करता है या दवाब बनाता है तो इसे सेक्शन-377 या क्रूरत मानते हुए सेक्शन-498A के तहत क्राइम माना जाएगा? क्या ये सेक्शन-376 के तहत क्राइम रहेगा?" 

 

पति ने हाईकोर्ट में डाली है पिटीशन


गुजरात में एक महिला ने अपने पति पर "ओरल सेक्स" के लिए मजबूर करने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराई है। जिसके विरोध में पति ने हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल कर मांग की है कि उस पर दर्ज सभी मामले हटाएं जाएं, क्योंकि पति-पत्नी होने के नाते ये आरोप रेप या मानसिक क्रूरता के अंतर्गत नहीं आते। 

 

हाईकोर्ट ने क्या कहा? 


इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस जेबी पर्डीवाला ने माना है भारत में मैरिटल रेप की घटनाएं होती हैं। जस्टिस पर्डीवाला ने कहा कि "भारत में मैरिटल रेप अस्तित्व में है। ये एक घिनौना अपराध है, जिसने शादी जैसी संस्था के भरोसे को तोड़ा है। भारत में महिलाओं की बहुत बड़ी आबादी मैरिटल रेप झेल रही हैं।"


क्या होता है मैरिटल रेप? 


भारत के संविधान के मुताबिक, मैरिटल रेप कोई क्राइम नहीं है। अगर कोई पति शादी के बाद अपनी पत्नी से उसकी मर्जी के बिना सेक्शुअल रिलेशन बनाता है, तो वो मैरिटल रेप के अंतर्गत आएगा, लेकिन इसके लिए संविधान में कोई सजा का प्रावधान नहीं है। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट में भी मैरिटल रेप को लेकर सुनवाई हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार ने कहा था कि "मैरिटल रेप को क्राइम करार नहीं दिया जा सकता और अगर ऐसा किया जाता है तो शादी जैसी संस्था अस्थिर हो जाएगी। इसके साथ ही पतियों को सताने के लिए ये आसान हथियार हो सकता है।" 
 

Created On :   7 Nov 2017 7:25 AM GMT

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