फिल्म 'पद्मावती' के बाद अब निशाने पर 'रानी लक्ष्मी बाई' की लव-स्टोरी

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फिल्म 'पद्मावती' के बाद अब निशाने पर 'रानी लक्ष्मी बाई' की लव-स्टोरी
फिल्म 'पद्मावती' के बाद अब निशाने पर 'रानी लक्ष्मी बाई' की लव-स्टोरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉलीवुड में दीपिका पादुकोण की फिल्म पद्मावती पर विवाद है कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी एक और फिल्म पर विवाद शुरू हो गया है। हम बात कर रहे हैं झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर बन रही फिल्म "मणिकर्णिका" की। इस फिल्म में झांसी की रानी बनी हैं बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत। लक्ष्मीबाई पर 10 साल पहले लिखी गई किताब "रानी" फिर विवादों में है। यूके में रह रहीं लेखिका जयश्री मिश्रा ने यह किताब लिखी है।
 

रानी लक्ष्मीबाई और रॉबर्ट एलिस की लव स्टोरी

लेखक जयश्री मिश्रा ने इस किताब की प्रस्तावना में ही लिखा है कि यह ऐतिहासिक फिक्शन और एक प्रेम कथा है, जिससे भारतीय भावनाएं आहत होंगी। मतलब अब आप अंदाजा लगा ही सकते हो कि इस फिल्म में कितना कुछ दिखाया जाएगा, या फिर कहानी में हेरफेर भी हो सकता है, जिसकी संभावना कम ही नजर आती है।  लक्ष्मीबाई के पति के देहांत के बाद से लेकर लार्ड डलहौजी की देशी राज्यों को हड़पने की नीति के विरोध तक इस किताब में प्रेम कहानी का जिक्र है।

 

रानी के सामने कांपते थे अंग्रेज

जानकारी में बता दें कि झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को पूरा देश 1857 के पहले स्वाधीनता संग्राम की एक बेजोड़ योद्धा के रूप में जानता है। रानी ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। एक वक्त था जब अंग्रेस रानी लक्ष्मी बाई के सामने थरथर कांपते थे। देशभर में लक्ष्मीबाई को आदर के साथ देखा जाता है। इसके उलट जयश्री मिश्रा की किताब रानी लक्ष्मीबाई और झांसी के तत्कालीन पॉलिटिकल एजेंट रॉबर्ट एलिस की प्रेम कहानी कहती है। किताब में लिखा है कि रॉबर्ट एलिस के जाने के बाद रानी लक्ष्मीबाई फूट फूट कर रोई थीं।

 

रानी से दोस्ती पर हुई एलिस की शिकायत

इस किताब में रानी लक्ष्मीबाई और झांसी के तत्कालीन पॉलिटकल एजेंट रॉबर्ट एलिस के बीच लव स्टोरी का जिक्र बड़ी ही रोचकता के साथ किया गया है। किताब में यहां तक लिखा है कि झांसी की रानी के साथ मित्रता पर रॉबर्ट एलिस की शिकायत कलकत्ता स्थित ईस्ट इंडिया कंपनी के हेडक्वार्टर तक हुई। अंग्रेज अफसरों ने रॉबर्ट एलिस को इस मित्रता के लिए फटकारा। हालात ऐसे बने कि एलिस को इस्तीफा देना पड़ा। किताब में लिखा गया है कि पॉलिटकल एजेंट के पद से इस्तीफा देकर एलिस विदा लेने के लिए रानी के दरबार में भी आए थे।

 

मायावती ने लगाई थी किताब पर रोक

जयश्री मिश्रा की इस विवादित किताब पर 2008 में यूपी की तत्कालीन सीएम मायावती ने रोक लगा दी थी। यह किताब ऑनलाइन साइट्स और बुक शॉप्स पर आसानी से मिल रही है। अब पद्मावती का मुद्दा उठने के बाद इस किताब पर फिर सोशल मीडिया में विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया में कई यूजर्स ने इसे झांसी की रानी का अपमान बताते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की है।

  

Created On :   28 Nov 2017 12:02 PM GMT

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