इन 10 भाषाओं के 100 से भी कम भारतीय हैं जानकार

Less than 100 Indians are knowledgeable of these 10 languages
इन 10 भाषाओं के 100 से भी कम भारतीय हैं जानकार
इन 10 भाषाओं के 100 से भी कम भारतीय हैं जानकार
नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। भारत में लगभग 450 जीवित भाषाएं है और देश की समृद्ध भाषाई विरासत सहेजने और गर्व करने लायक है। शुक्रवार को पूरी दुनिया ने देशी भाषाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया। इस मौके पर चिंताजनक है कि देश की 10 भाषाओं के जानकार पूरे देश में 100 से भी कम लोग बचे हैं।

दुनिया की खतरे में पड़ी भाषाओं के यूनेस्को एटलस के ऑनलाइन चैप्टर के मुताबिक, भारत में 197 भाषाएं या तो असुरक्षित, लुप्तप्राय या विलुप्त है।

विलुप्त हो रही भाषाओं में अहोम, एंड्रो, रंगकास, सेंगमई, तोलचा व अन्य शामिल हैं। ये सभी भाषाएं हिमालयन बेल्ट में बोली जाती है।

वहीं, 81 भारतीय भाषाओं की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है, जिसमें मणिपुरी, बोडो, गढ़वाली, लद्दाखी, मिजो, शेरपा और स्पिति शामिल हैं, लेकिन वे अभी भी कमजोर श्रेणी में है और पुनरुद्धार के लिए संगठित प्रयास करने की जरूरत है।

दुनिया भर में फिलहाल करीब 7,000 भाषाएं हैं।

यूनेस्को के मुताबिक, दुनिया की करीब 97 फीसदी आबादी इनमें से केवल 4 फीसदी भाषाओं की जानकारी रखती है, जबकि दुनिया के केवल 3 फीसदी लोग बाकी के 96 फीसदी भाषाओं की जानकारी रखते हैं।

इन भाषाओं में ज्यादातर भाषाएं मूल निवासियों द्वारा बोली जाती है, लेकिन ये भाषाएं खतरनाक ढंग से विलुप्त होती जा रही है।

मूल निवासियों द्वारा बोली जानेवाली हजारों भाषाएं विलुप्त होने के कगार पर है। आईवाईआईएल के अवसर पर विशेषज्ञों ने कहा कि हमें सदियों पुरानी भाषाओं के विनाश को रोकने की जरूरत है।

--आईएएनएस

Created On :   9 Aug 2019 2:00 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story