लोहड़ी की धूम आज, जानिए कैसे मनाया जाता है ये प्रसिद्ध त्योहार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मकर संक्रांति, पोंगल और लोहड़ी भारत के अलग-अलग प्रांतों में मनाया जाने वाला त्योहार। मकर संक्रांति, पोंगल के बाद यहां हम आपको लोहड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं। यह हर साल 12 या 13 जनवरी को मनाया जाता है। लोहड़ी पौष के अंतिम दिन सूर्यास्त के बाद अर्थात माघ संक्रांति से पहली रात को मनाया जाने वाला पर्व है। इस वर्ष यह 13 जनवरी को मनाया जाता है। यह उत्तर भारत के सिख परिवारों में मनाया जाने वाला बहुत ही खास उत्सव है। पंजाब में इसकी सबसे ज्यादा धूम होती है। इसके अलावा यह हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर में भी धूमधाम और परंरागत तरीके से मनाया जाता है।
ऐसे मनाते हैं त्याेहार
इस दौरान पंजाबी परंपरागत परिधानों में तैयार होते हैं। नाच-गाने की धूम त्योहार को और भी रोमांचक बना देती है। लोहड़ी फसल बुआई और कटाई से संबंधित विशेष त्योहार है। इस दिन आग का एक अलाव बाॅनफायर की तरह जलाया जाता है। फिर इसके चारों ओर लोग भांगड़ा, गिद्दा नृत्य करते व ढोल बजाते हुए परिक्रमा करते हैं। इस दौरान दुल्ला भट्टी का प्रशंसा गायन भी किया जाता है। इस दौरान आग में रेवड़ी कहीं-कहीं मक्के के दाने आदि डालते हैं और बाद में इसे ही प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
नव विवाहित जोड़े अाैर पुत्र का जन्म
जिनके घर में लड़के का विवाह हुआ होता है अर्थात नयी दुल्हन आती है। उनके लिए ये पर्व और खास होता है। जिनके घर पुत्र का जन्म हुआ होता है वे भी रेवड़ी बांटकर इसे मनाते हैं। विवाहित पुत्रियों को मां के घर से त्योहार भेजा जाता है। इसमें कपड़े, मिठाई, रेवड़ी आदि शामिल होते हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में खिचड़वार और दक्षिण भारत के पोंगल पर भी जो लोहड़ी के समीप ही मनाए जाते हैं, बेटियों को भेंट जाती है। लोहड़ी पर्व नववधू और नवजात शिशु के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है।
Created On :   31 Dec 2017 8:49 AM IST