कैदियों के पास भी मानवाधिकार, ठीक से नहीं रख सकते तो उन्हें छोड़ दें : SC

Release prisoners if you cannot keep them properly says Supreme Court
कैदियों के पास भी मानवाधिकार, ठीक से नहीं रख सकते तो उन्हें छोड़ दें : SC
कैदियों के पास भी मानवाधिकार, ठीक से नहीं रख सकते तो उन्हें छोड़ दें : SC

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदियों के रखने पर केंद्र और राज्य सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि जेल में कैदियों को जानवरों की तरह नहीं रखा जा सकता। उनके पास भी मानवाधिकार होता है। अगर सरकार उन्हें ठीक से नहीं रख सकती है, तो इससे अच्छा है कि उन्हें छोड़ देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी तब की, जब कोर्ट को बताया गया कि देश की जेलों में क्षमता से 150-600% तक ज्यादा कैदियों को रखा जाता है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 8 मई को की जाएगी।

कैदियों को छोड़ देना चाहिए : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुनवाई के दौरान बेंच ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि "जब हम कैदियों को जेल में ठीस से रख भी नहीं सकते हैं, तो फिर प्रिजन रिफॉर्म्स पर बात करने का क्या मतलब है? ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदियों को रखा जा रहा है। उनके पास भी मानवाधिकार है। हम उन्हें जानवरों की तरह जेल में नहीं रख सकते। ऐसे रखने से अच्छा है कि हमें उन्हें छोड़ देना चाहिए।"

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2 हफ्तों के अंदर जवाब दें, नहीं तो नोटिस जारी करेगी कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि "हमने 6 मई 2016 और 3 अक्टूबर 2016 के आदेशों में सरकार से कैदियों को लेकर प्लान मांगा था। इसे 31 मार्च 2017 तक कोर्ट को सौंपना था, लेकिन इसे अभी तक नहीं दिया गया है।" कोर्ट ने कहा कि "अब राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटियां, लीगल सर्विस अथॉरिटी के साथ मिलकर एक प्लान तैयार करें और उसे 2 हफ्ते के अंदर जमा करें। अगर ऐसा नहीं किया जाता है तो कोर्ट कंटेंप्ट नोटिस जारी करने के लिए मजबूर हो जाएगा।"

देश की 1300 से ज्यादा जेलों में हालात बदतर

जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की बेंच ने कहा कि "कोर्ट के सलाहकार ने बताया कि देश भर की 1382 जेलों में क्षमता से ज्यादा कैदी रखे जा रहे हैं। इनमें से कई जेलों में क्षमता से 150% कैदी रखे जा रहे हैं, तो वहीं कुछ जेलों में 600% से ज्यादा कैदी रखे जा रहे हैं।" बेंच ने कहा कि "कुछ कैदियों को जमानत मिल चुकी है, लेकिन मुचलका नहीं भरने की वजह से उन्हें रिहा नहीं किया गया है। जबकि कई कैदी ऐसे हैं, जिन्हें बहुत पहले जमानत मिल जानी चाहिए थी, लेकिन अभी तक नहीं मिली है।"

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जेल स्टाफ में 30% पद खाली, जताई चिंता

कोर्ट ने जेल स्टाफ की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि "31 दिसंबर 2017 तक के आंकड़ों के मुताबिक, जेल स्टाफ में 77,230 पद हैं, इनमें से 24,588 वैकेंसीस अभी तक खाली हैं। इसका मतलब जेलों में अभी भी 30% से ज्यादा स्टाफ खाली है।" बता दें कि सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि "एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ ओपन जेल एक्ट एंड रूल्स" का ड्राफ्ट 30 अप्रैल 2018 तक तैयार कर लिया जाएगा। 

Created On :   31 March 2018 2:16 AM GMT

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