मालदीव में गिरफ्तार दो रिपोर्ट्स को पुलिस ने किया आजाद, कहा वापस लौट जाएं अपने देश

Reporters arrested in maldives released by government
मालदीव में गिरफ्तार दो रिपोर्ट्स को पुलिस ने किया आजाद, कहा वापस लौट जाएं अपने देश
मालदीव में गिरफ्तार दो रिपोर्ट्स को पुलिस ने किया आजाद, कहा वापस लौट जाएं अपने देश

डिजिटल डेस्क, माले। मालदीव में इमरजेंसी के बीच रिपोर्टिंग करते हुए  गिरफ्तार किए गए इंडियन सहित दो जर्नलिस्टों को रिहा कर दिया गया है। इन पत्रकारों को मालदीव छोड़कर अपने देश वापस लौट जाने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि ये पत्रकार टूरिस्ट वीजा पर मालदीव आए थे। मालदीव पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इन दोनों पत्रकारों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी। बता दें कि सरकार ने 5 फरवरी को 15 दिन के लिए इमरजेंसी का ऐलान किया है। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल ग़यूम ने इसका ऐलान किया था। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया था, जिसमें राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया गया था। यहीं से संकट की शुरुआत हुई थी।

ट्रेवल वीजा पर आए थे मालदीव
दोनों ही पत्रकार न्यूज़ एजेंसी AFP के लिए काम करते हैं। मालदीव के राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अमृतसर के मनी शर्मा और लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के पत्रकार आतिश रावजी पटेल को गिरफ्तार किया गया था।  पुलिस को जांच में उनके दस्तावेजों में गड़बड़ी मिली है। पुलिस के अनुसार दोनों पत्रकार पर्यटक वीजा पर मालदीव आकर न्यूज रिपोर्टिग कर रहे थे, जो कानूनी रूप से गलत था। अब दोनों पत्रकारों को आव्रजन अधिकारियों को सौंप दिया गया है। दोनों को देश छोड़कर वापस जाने के लिए कहा गया है। मालदीव पुलिस ने स्पष्ट किया है कि इन दोनों पत्रकारों के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।

प्राइवेट न्यूज चैनल को किया था बंद
मालदीव में दो पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई से पहले राजे टीवी नाम के एक प्राइवेट न्यूज चैनल को सरकार बंद करा चुकी है। मालदीव के सांसद अली अजहर ने बताया कि हमारे पास अब प्रेस की स्वतंत्रता नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तत्काल लोकतंत्र की बहाली और कानून के शासन की मांग करते हैं।  इस चैनल पर विपक्ष की गतिविधियां और बयानों को प्रमुखता देने का आरोप था। इसे देश की एकजुटता के लिए खतरनाक माना गया।

सरकारी टेलीविजन पर ऐलान
भारतीय समय के मुताबिक 5 अक्टूबर को सोमवार शाम सरकारी टेलीविज़न पर राष्ट्रपति की सहयोगी अज़िमा शुकूर ने आपातकाल का ऐलान किया था। मालदीव के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर इसकी सूचना दी गई थी। राष्ट्रपति के दफ़्तर की ओर से जारी सूचना में कहा गया था , "मालदीव के अनुच्छेद 253 के तहत अगले 15 दिनों के लिए राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अब्दुल ग़यूम ने आपातकाल का एलान कर दिया है। इस दौरान कुछ अधिकार सीमित रहेंगे, लेकिन सामान्य हलचल, सेवाएं और व्यापार इससे बेअसर रहेंगे।" राष्ट्रपति दफ़्तर ने आगे कहा, "मालदीव सरकार यह आश्वस्त करना चाहती है कि देश के सभी नागरिकों और यहां रह रहे विदेशियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

पूर्व राष्ट्रपति और चीफ जस्टिस हुए गिरफ्तार
मालदीव में इमरजेंसी लगने के बाद पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम और चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद को गिरफ्तार कर लिया गया था। गयूम मालदीव के 30 साल राष्ट्रपति रहे हैं और 2008 में देश में लोकतंत्र आने के बाद तक राष्ट्रपति रहे। इसके बाद हुए चुनावों में मोहम्मद नशीद डेमोक्रेटिक तरीके से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति बने। अब वे श्रीलंका में निर्वासित जीवन जी रहे हैं। चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद ने ही राजनैतिक कैदियों को रिहा करने का आदेश दिया था। बता दें कि राष्ट्रपति यामीन, मौमून अब्दुल गयूम के सौतेले भाई हैं।

अब्दुल्ला यामीन के आते ही लोकतंत्र खतरे में
मालदीव में 2008 में डेमोक्रेसी आई थी और मोहम्मद नशीद डेमोक्रेटिक तरीके से चुने गए देश के पहले राष्ट्रपति हैं, लेकिन साल 2013 में राष्ट्रपति यामीन की सत्ता में आने के बाद से ही वहां विपक्षियों को जेल में डाला जाने लगा, बोलने की आजादी छीन ली गई और ज्यूडीशियरी पर भी खतरा पैदा हो गया। 2015 में यामीन ने नशीद को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत सत्ता से हटा दिया था। उन्हें 13 साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद ब्रिटेन ने उन्हें राजनीतिक शरण दी थी।

Created On :   10 Feb 2018 1:47 PM GMT

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