Inspiration Story : लोगों के ताने को चैलेंज माना और बन गई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

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Inspiration Story : लोगों के ताने को चैलेंज माना और बन गई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी
Inspiration Story : लोगों के ताने को चैलेंज माना और बन गई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। गरबा की तैयार कर रही लड़कियों पर लड़कों ने तंज कसा-तुम बस चार बाई चार के कमरे में गरबा ही खेल सकती हो। डिप्टी सिग्नल की शीतल साहू और दीपाली सौनगेरवा को यह बात चुभ गई। उन्होंने देखा बस्ती के कई लड़के फुटबॉल खेलते हैं। लड़कियां इस खेल से दूर रहती हैं। उन्होंने ठान लिया यही खेलना है। उनकी लगन को वेणु हिदौरी ने सहारा दिया। वेणु डिप्टी सिग्नल के बच्चों को स्कूल के बाद खेल से जोड़ने का अभियान चला रहे हैं। अब तक उन्होंने बस्ती के कई लड़कों को फुटबॉल से जोड़ा था। उनके इस अभियान में अब लड़कियां भी शामिल हो गईं। शीतल साहू का चयन स्लम फुटबॉल की राष्ट्रीय टीम में हो गया। इंग्लैंड की राजधानी लंदन में कार्डिफ में हुई स्लम फुटबॉल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेल चुकी शीतल तीन अगस्त को ही भारत वापस लौटीं है।  

बदल गया लोगों का नजरिया
दो वर्ष फुटबॉल खेल रहीं शीतल शाहू और दीपाली सौनगेरवा ने बताया कि शुरू में बस्ती के लोग उन पर टिप्पणी किया करते थे। लड़की की तरह रहने की सलाह दी जाती थी। अब लोगों का नजरिया बदल गया है। लोग उन पर गर्व करते हैं। प्रतियोगिता के दौरान जैसे ही मैच का वीडियो बस्ती में किसी के पास पहुंचता लोग शेयर करने को कहते और चाव से मैच देखते थे। अब बस्ती के लोग अपने परिवार की लड़कियों को फुटबॉल खेलने की सलाह भी देने लगे हैं।

बन गई लड़कियों की टीम
बस्ती में बच्चों को सकारात्मक राह दिखाने में जुटे वेणु हिदौरी ने बताया कि लड़कों को खेलने के लिए राजी करने से कई गुणा मुश्किल है लड़कियों को खेलने के लिए कहना। हालांकि शीतल शाहू और दीपाली सौनगेरवा के कारण यह मुहिम कुछ आसान हो गई है। दोनों ने बस्ती के परिवार से स्वयं जाकर बात कर-कर के लड़कियों को फुटबॉल खेलने के लिए राजी किया है। अब तो बस्ती की अपनी टीम तैयार हो गई है।

और भी हैं होनहार 
बस्ती के उभरते खिलाड़ी उमर सादिक शेश का चयन बेल्जियम में आयोजित होमलेस फुटबॉल प्रतियोगिता के लिए हुआ है। उन्हें 13 सितंबर को बेल्जियम जाना है। इसके साथ ही राजेश सोनवणे मुंबई में हुई  राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं। स्लम फुटबॉल से जुड़ी और अमिताभ बच्चन की भूमिका वाली फिल्म झुंड में बस्ती के कई बच्चों ने काम किया है। 

इनका है योगदान
बस्ती के बच्चों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की मुहिम में जुटे वेणु हिदौरी ने बताया कि कुछ वर्ष पहले तक बस्ती के बच्चे स्कूल के बाद इधर-उधर घूमते रहते और कई बुरी आदतों का शिकार हो जाते थे। उन्होंने बच्चों को सही दिशा देने की ठानी। उन्होंने बताया कि उनके दो बच्चे खेल से जुड़े हैं। उन्होंने बस्ती के बच्चों को भी खेल की तरफ मोड़ने का निर्णय किया। उनके प्रयासों से आज लगभग 70 बच्चे नियमित रूप से फुटबॉल और कब्बडी खेलते हैं। विजय बारसे के साथ खेल चुके पंकज महाजन, राजेश और विकास बच्चों को कोचिंग देते हैं। बस्ती के कई युवा लोकेश पनपेला व अन्य सहयोग करते हैं। 

Created On :   9 Sep 2019 9:59 AM GMT

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