योग शरीर के साथ मन को भी रखता है स्वस्थ, जानें इसका महत्व

योग शरीर के साथ मन को भी रखता है स्वस्थ, जानें इसका महत्व

डिजिटल डेस्क। भारतीय धर्म और दर्शन में योग का अत्यधिक महत्व है। योग हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन को भी स्वस्थ रखता है। योग से कई प्रकार की बीमारियों को दूर किया जा सकता है। यह देखा गया है और लोग इसके लाभ से भलीभांति परिचित भी हैं। ऐसा माना जाता है कि जब से सभ्‍यता शुरू हुई है तभी से योग किया जा रहा है। आज दुनियाभर के लोग इसका लाभ लेते हैं और खुद को फिट और स्वस्थ रखने के लिए योग करते हैं। 

कई बार योग ​को धर्म से जोड़कर देखा जाता है, लेकिन विद्धानों का मानना है कि यह किसी धर्म या जाति के बंधन में नहीं बांधा जा सकता है। क्योंकि यह संपूर्ण मानव जाति के लिए लाभ पहुंचाने वाला है। 

योग का अर्थ
बात करें योग के उत्पत्ति की तो माना जाता है कि योग के विज्ञान की उत्‍पत्ति हजारों साल पहले हुई थी, पहले धर्मों या आस्‍था के जन्‍म लेने से काफी पहले इसकी उत्पत्ति मानी जाती है। दूसरी ओर योग शब्द के दो अर्थ बताए गए हैं और दोनों ही अर्थ जीवन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। पहला अर्थ है – जोड़ और दूसरा अर्थ है – समाधि (ध्यान)। जब तक हम अपने शरीर को योग कला से नहीं जोड़ते, ध्यान तक जाना असंभव हैं। ऊपर हमने जिस आनंद की चर्चा की उसकी सीढ़ी योग के दूसरे अर्थ ध्यान से शुरू होती है।

योग के चार भाग
योग हमारे शरीर, मन, भावना एवं ऊर्जा के स्‍तर पर काम करता है। इसकी वजह से मोटेतौर पर योग को चार भागों में बांटा गया है : कर्मयोग, जहां हम अपने शरीर का उपयोग करते हैं; भक्तियोग, जहां हम अपनी भावनाओं का उपयोग करते हैं; ज्ञानयोग, जहां हम मन एवं बुद्धि का प्रयोग करते हैं और क्रियायोग, जहां हम अपनी ऊर्जा का उपयोग करते हैं।

महत्व
आधुनिक युग में योग का महत्व बढ़ गया है। इसका सबसे बढ़ा कारण समय की कमी है और काम का बढ़ता बोझ है। व्यक्ति अपने दिनभर के क्रियाकलापों में व्यस्त होकर ना ​सिर्फ शरीर बल्कि मन से भी खुद को थका हुआ महसूस करता है। बढ़ता अत्यधिक तनाव, वायु प्रदूषण तथा भागमभाग के जीवन से वह रोगग्रस्त हो चला है। ऐसे में योग उसके जीवन में नई उूर्जा का संचार करता है। इसके लाभ को जानने के बाद लोगों ने इसे आवश्यकता माना है।

योग का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है कि मनुष्य जाति को अब और आगे प्रगति करना है तो योग सीखना ही होगा। अंतरिक्ष में जाना है, नए ग्रहों की खोज करना है। शरीर और मन को स्वस्थ और संतुलित रखते हुए अंतरिक्ष में लम्बा समय बिताना है तो विज्ञान को योग की महत्ता और महत्व को समझना होगा।

दरअसल योग भविष्य का धर्म और विज्ञान है। भविष्य में योग का महत्व बढ़ेगा। यौगिक क्रियाओं से वह सब कुछ बदला जा सकता है जो हमें प्रकृति ने दिया है और वह सब कुछ पाया जा सकता है जो हमें प्रकृति ने नहीं दिया है।
 

Created On :   21 Jun 2019 3:35 AM GMT

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