Indo-Pak ceasefire: ट्रंप को भारत का जोरदार जवाब! विदेश मंत्रालय ने कहा - 'जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भारत-पाक ही हल करेंगे, किसी की मध्यस्थता मंजूर नहीं'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 10 मई को पाकिस्तान के साथ हुए सीजफायर के बाद मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का है, किसी तीसरे पक्ष की इसमें मध्यस्था मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारा लंबे समय से राष्ट्रीय रुख रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी मुद्दे को भारत और पाकिस्तान को द्विपक्षीय रूप से सुलझाना होगा। इस घोषित नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।"
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और व्यापार पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।"
वहीं, पाकिस्तान विदेश मंत्रालय के बयान पर रणधीर जायसवाल ने कहा, "हमने पाकिस्तानी पक्ष द्वारा दिया गया बयान देखा है। जिस देश ने औद्योगिक स्तर पर आतंकवाद को बढ़ावा दिया है, उसका यह सोचना कि वह इसके परिणामों से बच सकता है, खुद को मूर्ख बनाना है.... पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे समझ लेगा, उतना ही बेहतर होगा।"
जीत का दावा करना पाकिस्तान की पुरानी आदत
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार के विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू पर जायसवाल ने कहा, "जीत का दावा करना उनकी पुरानी आदत है, उन्होंने 1971, 1975 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी यही राग गाया। पाकिस्तान का ये पुराना रवैय्या है। परस्त हो जाए लेकिन ढोल बजाओ।"
Created On :   13 May 2025 6:04 PM IST