राजनीति: 'ऑपरेशन सिंदूर' देश के लिए बड़ी उपलब्धि अजय कुमार लल्लू

ऑपरेशन सिंदूर देश के लिए बड़ी उपलब्धि  अजय कुमार लल्लू
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और निर्णायक कार्रवाई की प्रशंसा की, लेकिन केंद्र सरकार के संघर्ष विराम से निपटने के तरीके और राष्ट्रीय निर्णयों में कथित विदेशी प्रभाव पर कड़ी आपत्ति जताई।

भुवनेश्वर, 12 मई (आईएएनएस)। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के ओडिशा प्रभारी अजय कुमार लल्लू ने पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और निर्णायक कार्रवाई की प्रशंसा की, लेकिन केंद्र सरकार के संघर्ष विराम से निपटने के तरीके और राष्ट्रीय निर्णयों में कथित विदेशी प्रभाव पर कड़ी आपत्ति जताई।

उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, "हम अपने सशस्त्र बलों की साहस, वीरता और ताकत को सलाम करते हैं। उन्होंने हमेशा मौके पर खड़े होकर बेजोड़ बहादुरी दिखाई है। पूरा देश उनके साथ खड़ा है और उनके बलिदान के आगे नतमस्तक है।"

हाल ही में पाकिस्तानी आतंकवादी शिविरों और यहां तक ​​कि एक प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाकर की गई सैन्य कार्रवाई और हवाई हमलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी उपलब्धि है। सेना की क्षमता पर कोई सवाल नहीं उठा सकता। किसी को भी उनके साहस या राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्धता पर कभी संदेह नहीं करना चाहिए।"

उन्होंने इन कार्रवाइयों के बाद अचानक हुए युद्ध विराम पर सवाल उठाए और दावा किया कि युद्ध विराम की घोषणा भारत ने नहीं की, बल्कि अमेरिकी प्रशासन ने पहले इसका खुलासा किया।

उन्होंने सवाल किया, "युद्ध विराम की खबर सबसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पोस्ट से क्यों आई? क्या भारत सरकार ने विदेशी दबाव में यह फैसला लिया? प्रधानमंत्री को इसका जवाब देना चाहिए।"

उन्होंने ऐतिहासिक तुलना करते हुए कहा, "जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, तब भारतीय सेना ने पाकिस्तान का विभाजन कर बांग्लादेश बनाया था। उन्होंने सेना को बिना किसी विदेशी हस्तक्षेप के पूरी आजादी दी थी। आज हमारे सैनिक भी उतने ही सक्षम हैं, लेकिन फैसले बाहरी ताकतों के इशारे पर होते दिखते हैं।"

उन्होंने कहा, "असली सवाल सेना की सफलता का नहीं है, हम सभी इसे स्वीकार करते हैं। सवाल सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति का है और अमेरिका को युद्धविराम की घोषणा क्यों करनी पड़ी। यह हमारी संप्रभुता को कमजोर करता है।"

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Created On :   12 May 2025 9:19 PM IST

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