शराब घोटाला: कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की याचिका पर भी सुनवाई

- सुप्रीम कोर्ट ने तय की तीन चरणों की प्रक्रिया
- भूपेश बघेल ने ईडी की कार्यशैली पर साधा निशाना
- ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया
डिजिटल डेस्क, रायपुर। कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी, अपनी याचिका में बघेल ने मनी लॉन्ड्रिंग कानून (पीएमएलए) की धारा 44, 50 और 63 को असंवैधानिक करार देने की मांग की है। बघेल का कहना है कि ये प्रावधान मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, क्योंकि इनके तहत ईडी को किसी भी व्यक्ति को समन करने और उसके खिलाफ बयान देने के लिए बाध्य करने का अधिकार मिलता है। आपको बता दें जांच एजेंसी ने शराब घोटाले के आरोपों में पूर्व सीएम पर इन धाराओं में केस दर्ज किया है।
भूपेश बघेल केस में सिब्बल ने धारा 44A को बेहद अहम बताते हुए उस पर भी तत्काल सुनवाई की मांग की। सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत की अगुआई वाली पीठ ने कहा कि पहले प्राथमिक आपत्तियों पर चर्चा होगी, फिर जवाब सुना जाएगा और अंत में मामले के गुण-दोष पर बहस होगी।
भूपेश बघेल ने ईडी की कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा खुलेआम घूम रहे नॉन-बेलेबल वारंटियों के बयानों के आधार पर उनके बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी पुराने केस को बिना कोर्ट की अनुमति दोबारा खोल रही है, जो कानून की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि PMLA की धारा 50 के तहत आरोपी से ही गवाही ली जा रही है, जो जस्टिस की मूल अवधारणा के विरुद्ध है।
जांच एजेंसी ईडी के अनुसार 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में 2100 करोड़ रुपये का शराब करप्शन हुआ। एजेंसी ने इसे चैतन्य बघेल को मास्टरमाइंड बताया गया है। ईडी का दावा है कि इस रकम का एक हिस्सा रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में लगाया गया। इस केस में पूर्व मंत्री कवासी लखमा , कारोबारी अनवर ढेबर , पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, और अरुणपति त्रिपाठी को ईडी ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया है। ईडी ने चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को गिरफ्तार किया। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जाने को कहा था।
Created On :   11 Aug 2025 4:11 PM IST













