बिहार विधानसभा चुनाव 2025: खजौली विधानसभा सीट से जेडीयू जिसके साथ उसकी जीत तय

खजौली विधानसभा सीट से जेडीयू जिसके साथ उसकी जीत तय

डिजिटल डेस्क, पटना। 243 विधानसभा सीट वाले बिहार में खजौली विधानसभा सीट मधुबनी जिले में आती है, खजौली विधानसभा क्षेत्र झंझारपुर लोकसभा सीट का हिस्सा है। जेडीयू के बीजेपी के साथ होने से एनडीए मजबूत स्थिति में नजर आ रही है। जबकि आरजेडी और विपक्षी गठबंधन इंडिया को विशेष रणनीति बनानी होगी।

खजौली विधानसभा सीट पर अब तक 17 बार विधानसभा चुनाव हुए है, खजौली के चुनावी नतीजे मिश्रित रहे हैं। कांग्रेस ने यहां सबसे ज्यादा 6 बार जीत दर्ज की है, शुरुआती तीन चुनावों में लगातार कांग्रेस को जीत मिली। 1967 और 1969 में प्रजा समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस का विजय रथ रोका। खजौली से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और आरजेडी को दो-दो बार जीत मिली है। 1977 में जनता पार्टी ने सीट जीती, खजौली को कांग्रेस बाद बीजेपी ने चार बार जीता है।

खजौली की चुनावी यात्रा काफी रोचक भरी रही है, इसका आरक्षण दर्जा कई बार बदला है। 1952 से 1972 तक यह सामान्य सीट रही, 1977 से 2005 तक एससी के लिए आरक्षित रही और 2010 से परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद फिर से सामान्य सीट हो गई। इलाके में 15 फीसदी मुस्लिम आबादी, 14 फीसदी अनुसूचित जाति के वोटर्स है। सबसे अधिक संख्या होने के कारण यादव वोटर्स का दबदबा है। खजौली की 5 फीसदी आबादी शहरी है।

बीजेपी ने 2005 में दोनों चुनाव और 2010 का चुनाव जीतकर लगातार तीन बार जीत दर्ज की थी। 2015 में आरजेडी-जेडीयू ने मिलकर चुनाव लड़ा तो बीजेपी हार गई और आरजेडी को जीत मिली, 2020 में बीजेपी जेडीयू के साथ चुनाव लड़ा तो बीजेपी ने आरजेडी को हराया था। खजौली में जेडीयू ने सीधे चुनाव नहीं जीता, लेकिन उसका असर पड़ता था। बीजेपी की चारों जीत जेडीयू के साथ हुईं, जबकि जब जेडीयू ने आरजेडी का साथ दिया, आरजेडी जीत गई और बीजेपी हार गई। 2020 में बीजेपी के अरूण शंकर प्रसाद, 2015 में आरजेडी के सीताराम यादव, 2010 में बीजेपी के अरूण शंकर प्रसाद,2005 में जेडीयू के दामोदर सिंह,2000 में एसएपी के उमाशंकर सिंह ने चुनाव जीता।

कृषि यहां की प्रमुख अर्थव्यस्था का आधार है, जमीन यहां की अधिक उपजाऊ है। सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण कृषि मुख्यतः मानसून पर निर्भर है। विकास से खजौली पिछड़ा हुआ है, सड़कें, स्वास्थ्य और शिक्षा बदहाल स्थिति में है। बेरोजगारी के चलते लोग यहां से पलायन कर जाते है।

Created On :   19 Oct 2025 1:31 PM IST

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