फिल्म '72 हूरें' पर नाम को लेकर मुस्लिम नेताओं ने जताई आपत्ति, जानिए बीजेपी ने इस पर क्या कहा
डिजिटल डेस्क,दिल्ली। अपकमिंग फिल्म '72 हूरें' को लेकर टीजर आने के बाद से ही विवाद शुरू हो गया था। लेकिन अब यह विवाद धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। कश्मीर के कई धार्मिक और मुस्लिम नेता इसको लेकर आपत्ति जता रहे हैं और इस मूवी को बैन करने की मांग कर रहे हैं। फिल्म पर आपत्ति जताने वाले नेताओं का कहना है कि यह फिल्म किसी एक समुदाय की भावनाएं आहत करती है।
'72 हूरें' फिल्म को लेकर जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती-ए-आजम नसीर उल इस्लाम ने पीटीआआई-भाषा से कहा ' यह फिल्म पूरी तरह से विवादस्पद है और लोगों, विशेषकर मुसलमानों की भावनाओं को आहत करती है। हम फिल्म के इस नाम को स्वीकार नहीं करने जा रहे हैं। इस फिल्म पर भी प्रतिबंध लगाने की जरूरत है और लोग इस प्रकार की फिल्मों का निर्माण कर रहे हैं उन्हें समझना चाहिए कि इस तरह की फिल्में विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द और भाईचारे के खिलाफ हैं।'
उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि 'हम नहीं चाहते कि यह विवाद फैले और हम इस मामले को भारत सरकार के समक्ष उठाने जा रहे हैं इस मामले पर सभी मुस्लिम संगठनों को भरोसे में लिया जाएगा। इस फिल्म के निर्माताओं को मेरा संदेश है कि उन्हें यह समझना चाहिए कि मुसलमान भारत में रहने वाला दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है तथा उन्हें गरिमा, सम्मान और शांति के साथ जीने का अधिकार है और उन्हें उसी भावना के साथ जीने की अनुमति दी जानी चाहिए।'
इस विवाद में फिल्म के विरोध में नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा, ' इस प्रकार की फिल्में एक विशेष समुदाय को बदनाम कर देती हैं। मुझे लगता है कि भारत में लोगों, खासकर फिल्म प्रमाणन बोर्ड को इस पर फैसला लेने के की आवश्यता है। उन्हें तय करने की जरूरत है कि क्या ये फिल्में वास्तव में किसी विशेष मुद्दे को सभी संदर्भों के साथ समझने में लोगों की मदद करती हैं या लोगों को एकतरफा कहानी बताई जा रही है'
भाजपा ने भी चेताया
फिल्मे को लेकर धार्मिक और मुस्लिम नेताओं के बयान लगातार सामने आ रहे हैं वहीं अब इसको लेकर बीजेपी का कहना है कि फिल्म के नाम से किसी की भावनाएं आहत नहीं होनी चाहिए। पार्टी महासचिव अशोक कौल ने कहा 'मुझे लगता है कि जो भी हो रहा है, यह नहीं होना चाहिए और इसे बढ़ा चढ़ाकर दिखाना भी ठीक नहीं है। '
अजमेर 92 पर भी विवाद
जुलाई में रिलीज होने जा रही इस फिल्म को लेकर भी लगातार विरोध देखने को मिल रहा है। फिल्म अजमेर 92 पर जमीयत उलेम-ए-हिंद ने सवाल उठाए थे उनका कहना था कि यह फिल्म समाज में दरार पैदा कर सकती है। जमीयत उलेम-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने इस फिल्म को लेकर कहा कि आज के समय में धार्मिक आधार पर समाज को बांटने के नए-नए तरीके खोजे जा रहे हैं।
Created On :   14 Jun 2023 5:55 PM IST