लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर हमले ने लिया राजनीतिक रंग

Attack on Lucknow University professor took political color
लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर हमले ने लिया राजनीतिक रंग
उत्तर प्रदेश लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर पर हमले ने लिया राजनीतिक रंग
हाईलाइट
  • शिक्षक की शिकायत पर मामला दर्ज नहीं करना दुर्भाग्य : आजाद

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के दलित प्रोफेसर पर दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने इस महीने की शुरुआत में कथित तौर पर हमला किया था। इस घटना ने अब एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है।

प्रोफेसर रविकांत चंदन पर एक ऑनलाइन डिबेट शो के दौरान काशी विश्वनाथ और ज्ञानवापी विवाद पर उनकी कथित टिप्पणी के लिए हमला किया गया था। प्रोफेसर अभी तक आरोपी छात्रों के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराने में कामयाब नहीं हुए हैं। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर का दौरा कर रविकांत के साथ एकजुटता व्यक्त की।

चंद्रशेखर ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस ने छात्रों का हमला झेलने वाले शिक्षक की शिकायत पर मामला दर्ज नहीं किया। इसके बजाय छात्रों की शिकायत पर पीड़ित शिक्षक के खिलाफ ही प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी। आजाद ने परिसर में प्रोफेसर पर हमला करने वालों के खिलाफ पुलिस की तरफ से मामला दर्ज नहीं करने पर आंदोलन शुरू करने की भी चेतावनी दी है।

दलित प्रोफेसर को पहली बार 10 मई को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। फिर 18 मई को विश्वविद्यालय के सुरक्षा गार्ड की मौजूदगी में विश्वविद्यालय के एक छात्र ने उन्हें थप्पड़ मार दिया था। इस बीच आजाद के लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर के दौरे से एक और विवाद भी खड़ा हो गया है।

छात्रों के एक वर्ग ने हिंदू देवता के नाम पर नारे लगाए और प्रतिशोध में दलित समुदाय के सदस्यों और आजाद के समर्थकों ने जय भीम के नारे लगाए। बाद में आजाद के विश्वविद्यालय परिसर में आने पर आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय के छात्रों ने कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय को ज्ञापन दिया। उल्लेखनीय है कि लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एलयूटीए) भी प्रोफेसर के समर्थन में सामने आया है।

मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में, लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (एलयूटीए) ने उनसे यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि 10 मई को परिसर में प्रोफेसर रविकांत चंदन पर हमलों में शामिल दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

पत्र में लिखा गया है, लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षक रविकांत चंदन के साथ कुछ लोगों द्वारा अभद्र व्यवहार और नारेबाजी आपत्तिजनक है और शिक्षकों का संगठन परिसर में अशांति पैदा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करता है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है कि रविकांत द्वारा 10 मई को दी गई शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की जाए।

 

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Created On :   27 May 2022 7:00 AM GMT

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