दिल्ली और चंडीगढ़ में अपने देश का वीजा प्रदान करने की प्रकिया को कनाडा बनाएगा और सुव्यवस्थित
- वास्तविक और विश्वसनीय भागीदार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा दिल्ली व चंडीगढ़ में अपने देश के लिए वीजा प्रदान करने की प्रक्रिया को और मजबूत बनाएगा।
कनाडा में काम करने और अध्ययन करने के इच्छुक लोगों के बीच अधिक विविधता को बढ़ावा देने के लिए कनाडा सरकार ने यह कदम उठाने का फैसला किया है।
विदेश मंत्री मैलानी जोली ने रविवार को कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति की शुरुआत की। यह रणनीति अगले 10 वर्षों में इंडो-पैसिफिक में अपने जुड़ाव को गहरा करने, क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा में योगदान को बढ़ाने, आर्थिक विकास और लचीलापन को मजबूत करने, लोगों के बीच घनिष्ठता बढ़ाने और पूरे क्षेत्र में सतत विकास का समर्थन करने के लिए एक व्यापक रोडमैप प्रस्तुत करती है।
बयान में कहा गया है कि यह एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो अगले पांच वर्षों में करीब 2.3 अरब डॉलर के निवेश का प्रावधान करती है।
कनाडा की क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा हितों को बढ़ावा देने के लिए सरकार 720 मिलियन डॉलर से अधिक का निवेश करेगी। इस निवेश में अन्य बातों के साथ-साथ शामिल हैं, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में कनाडा की नौसैनिक उपस्थिति को मजबूत करने और क्षेत्रीय सैन्य अभ्यासों में कनाडाई सशस्त्र बलों की भागीदारी बढ़ाने के लिए 492.9 मिलियन डॉलर और चयनित क्षेत्रीय भागीदारों की साइबर सुरक्षा क्षमताओं के निर्माण के लिए एक नई अंतर-विभागीय पहल शुरू करने के लिए 47.3 मिलियन डॉलर।
व्यापार को बढ़ावा देने और देश की आर्थिक समृद्धि के लिए कनाडा 240.6 मिलियन डॉलर का निवेश करेगा। इसमें क्षेत्र में कनाडा के व्यापार और निवेश नेटवर्क का विस्तार करने के लिए कनाडाई दक्षिणपूर्व एशिया ट्रेड गेटवे बनाने के लिए 24.1 मिलियन डॉलर, इंडो-पैसिफिक में कृषि और कृषि-खाद्य निर्यात को बढ़ाने और विविधता लाने के लिए क्षेत्र में कनाडा का पहला कृषि कार्यालय स्थापित करने के लिए 31.8 मिलियन डॉलर और व्यापार, निवेश, और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्रों में भारत-प्रशांत क्षेत्र में अपने भागीदारों के साथ प्राकृतिक संसाधन संबंधों का विस्तार करने के लिए 13.5 मिलियन डॉलर शामिल है।
कनाडाई और इंडो-पैसिफिक के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने के लिए कनाडा 261.7 मिलियन डॉलर का योगदान देगा।
इसमें भारत-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए नारीवादी अंतर्राष्ट्रीय सहायता नीति से संबंधित विकास कार्यक्रमों के वित्तपोषण के लिए 100 मिलियन डॉलर, केंद्रीकृत कनाडाई नेटवर्क के साथ-साथ नई दिल्ली, चंडीगढ़, इस्लामाबाद और मनीला में कनाडा के लोगों के बीच घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने के लिए कनाडा की वीजा प्रसंस्करण क्षमता को मजबूत करने के लिए 74.6 मिलियन डॉलर का निवेश भी है।
स्वच्छ भविष्य के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता के तहत कनाडा ने 913.3 मिलियन डॉलर देने का वादा किया है। इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति और प्रभाव को मजबूत करने के लिए कनाडा ने 143.3 मिलियन डॉलर खर्च करने की बात कही है।
कनाडा के विदेश मामलों के मंत्री ने कहा, हिंद-प्रशांत का भविष्य हमारा है, इसे आकार देने में हमें भूमिका निभानी है। इसके लिए हमें एक वास्तविक और विश्वसनीय भागीदार होना चाहिए। आज हम वास्तव में एक कनाडाई रणनीति पेश कर रहे हैं, एक जो इसके हर पहलू को संबोधित करती है।
वीजा प्रसंस्करण क्षमता को मजबूत करने के लिए निवेश का जवाब देते हुए, आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता मंत्री शॉन फ्रेजर ने कहा, भारत-प्रशांत क्षेत्र कनाडा में अप्रवासन के लिए महत्वपूर्ण है और भविष्य में भी ऐसा ही रहेगा।
आईएएनएस
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Created On :   28 Nov 2022 10:00 AM IST