कांग्रेस ने कहा पिछले 14 साल में 6,000 करोड़ रुपये का गुजरात में हुआ कोयला घोटाला

Congress said coal scam of Rs 6,000 crore happened in Gujarat in last 14 years
कांग्रेस ने कहा पिछले 14 साल में 6,000 करोड़ रुपये का गुजरात में हुआ कोयला घोटाला
गुजरात कांग्रेस ने कहा पिछले 14 साल में 6,000 करोड़ रुपये का गुजरात में हुआ कोयला घोटाला
हाईलाइट
  • कोयले के लाभार्थी उद्योगों की सूची
  • जिन्हें कोयले की जरूरत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि लघु और मध्यम उद्योगों के लिए कोयला दूसरे राज्यों के उद्योगों को बेचा गया और गुजरात में 6,000 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया है। पार्टी ने इस मामले में समयबद्ध जांच की मांग की।

उन्होंने सवाल उठाया, क्या यह संयोग था कि तीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने (2001 से 2014 तक गुजरात के सीएम) भी दिसंबर 2007 से दिसंबर 2012 तक उद्योग, खान और खनिज विभाग का प्रभार संभाला, विजय रूपानी (अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक) और भूपेंद्र पटेल (सितंबर 2021 से अब तक) - उद्योग, खान और खनिज विभाग को अपने पास रखा है। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, कोल इंडिया की खदानों से निकाला गया कोयला उन उद्योगों तक नहीं पहुंचा, जिनके लिए इसे निकाला गया था।

पिछले 14 सालों में कोल इंडिया की खदानों से गुजरात के व्यापारियों और छोटे उद्योगों के नाम से 60 लाख टन कोयला भेजा गया है। इसकी औसत कीमत 1,800 करोड़ रुपये प्रति टन 3,000 रुपये है, लेकिन इसे बेचने के बजाय व्यापारियों और उद्योगों को, इसे अन्य राज्यों में 8,000 रुपये से 10,000 रुपये प्रति टन की कीमत पर बेचा गया है।

कांग्रेस ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2007 में देश भर के छोटे उद्योगों को सस्ती दरों पर अच्छी गुणवत्ता वाला कोयला उपलब्ध कराने की नीति बनाई थी। इस नीति के तहत गुजरात के लघु और मध्यम उद्योगों के लिए कोल इंडिया के वेस्ट कोल फील्ड और साउथ-ईस्ट कोल फील्ड से हर महीने कोयला निकाला जाता था।

वल्लभ ने कहा, गुजरात सरकार को कोयले के लाभार्थी उद्योगों की सूची, कोयले की कितनी मात्रा की जरूरत है, कोल इंडिया को किस एजेंसी से कोयला भेजा जाएगा, समेत सारी जानकारी भेजनी थी। इसके साथ ही गुजरात सरकार ने भी यह जानकारी भेजी है। राज्य नामांकित एजेंसी (एसएनए) की सूची भेजने के लिए एसएनए का मतलब राज्य सरकार द्वारा घोषित एजेंसी है, जो कोल इंडिया से राज्य के लाभार्थियों, लघु उद्योगों, छोटे व्यापारियों को कोयला लेने के लिए अधिकृत है।

गुजरात सरकार द्वारा कोल इंडिया को भेजी गई सूचना झूठी निकली। दस्तावेजों में जिन उद्योगों के नाम से कोल इंडिया से कोयला निकाला गया, उन उद्योगों तक नहीं पहुंचा। साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा एजेंसियां हर साल गुजरात के लाभार्थी उद्योगों के नाम पर कोल इंडिया से कोयला खरीदती हैं, लेकिन एजेंसियों ने इसे लाभार्थियों को देने के बजाय खुले बाजार में ऊंचे दामों पर कोयला बेचकर करोड़ों रुपये की कमाई की है। हो सकता है कि एजेंसियों ने इस खेल के लिए नकली बिल बनाए हों और इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स और जीएसटी की चोरी की हो।

 

(आईएएनएस)

Created On :   23 Feb 2022 2:04 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story