दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ टीएमसी नेता की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली

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याचिका पर सुनवाई 17 मार्च तक के लिए कर दी गई स्थगित दिल्ली हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ टीएमसी नेता की जमानत याचिका पर सुनवाई टाली

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के नेता अनुब्रत मंडल की उस याचिका पर सुनवाई 17 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी, जिसमें निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के पशु तस्करी मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था। मंडल ने 31 दिसंबर को निचली अदालत के 24 जनवरी के आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें उन्हें जमानत नहीं दी गई थी।

विशेष न्यायाधीश ने उन्हें जमानत देने का कोई कारण नहीं पाते हुए आदेश पारित किया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक नीतेश राणा ने कहा था कि मंडल की जमानत अर्जी में कोई दम नहीं है। ईडी ने सीमा सुरक्षा बल के तत्कालीन कमांडेंट सतीश कुमार के खिलाफ कोलकाता में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मंडल को गिरफ्तार किया था। मंडल ने हाल ही में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत अनिवार्य रूप से गिरफ्तारी के आधार प्रदान नहीं किए गए थे।

आसनसोल की एक विशेष सीबीआई अदालत ने मंडल को जमानत देने से इनकार कर दिया था। 21 दिसंबर, 2022 को मंडल ने ईडी के राउज एवेन्यू अदालतों द्वारा पेशी वारंट जारी करने को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया था। 19 दिसंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को उन्हें दिल्ली लाने की अनुमति दी थी। मंडल के वकील कपिल सिब्बल ने पहले मंडल को दिल्ली लाने के ईडी के प्रयास के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन हाईकोर्ट ने मामले को राउज एवेन्यू अदालतों में वापस भेज दिया।

सीबीआई द्वारा 7 अक्टूबर को आसनसोल कोर्ट में दायर चौथे चार्जशीट में मंडल का नाम शामिल किया गया था, मंडल के पूर्व अंगरक्षक सहगल हुसैन को 10 जून को गिरफ्तार किया गया था। 8 अगस्त को दायर सीबीआई की तीसरी चार्जशीट के अनुसार, वह सरगनाओं में से एक था। हुसैन फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। सीबीआई को संदेह है कि मवेशी तस्करी से होने वाले मुनाफे का इस्तेमाल 2014 में या उसके बाद निष्पादित 168 भूमि और संपत्ति के कामों में से 24 को खरीदने के लिए किया गया था। सीबीआई के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने इन संपत्ति के कामों में मंडल के संदिग्ध लिंक का पता लगाया है। शेष 144 पंजीकरण पत्रों पर उनके रिश्तेदारों, सहयोगियों और उनके रिश्तेदारों के नाम हैं।

मंडल की बेटी सुकन्या, जिनके लाभार्थियों में शामिल होने का संदेह है, को नवंबर 2022 में ईडी ने अपने दिल्ली कार्यालय में बुलाया था। सीबीआई की जांच में पता चला कि वह दो कंपनियों, नीर डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड और एएनएम एग्रोकेम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक हैं। कंपनियों के कार्यालय उसी पते पर हैं, जहां भोलेबम राइस मिल, जो उनके स्वामित्व में है, बीरभूम के बोलपुर शहर में स्थित है।

 

(आईएएनएस)

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Created On :   9 Feb 2023 2:00 AM GMT

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