द्रमुक ने बांध सुरक्षा कानून को चुनौती देने के लिए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया

DMK moves Madras High Court to challenge Dam Safety Act
द्रमुक ने बांध सुरक्षा कानून को चुनौती देने के लिए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया
तमिलनाडु द्रमुक ने बांध सुरक्षा कानून को चुनौती देने के लिए मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक ने बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 को चुनौती देने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। याचिका में कहा गया है कि यह अधिनियम राज्यों में स्थित बांधों पर राज्य सरकार का नियंत्रण पूरी तरह से कम कर देगा।

मैलादुथुराई से द्रमुक सांसद एस. रामलिंगम ने मंगलवार को मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर की।

वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद पी. विल्सन, मद्रास उच्च न्यायालय की पहली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए, जिसका प्रतिनिधित्व कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति पी.डी. आदिकेसवालु ने विषय के महत्व को देखते हुए मामले में शीघ्र सुनवाई का अनुरोध किया।

विल्सन ने याचिका को आगे बढ़ाते हुए कहा कि रिट याचिका अधिनियम को विभिन्न आधारों पर चुनौती देती है, जिसमें संसद की विधायी क्षमता भी शामिल है, जबकि विषय राज्य के क्षेत्र से संबंधित है।

अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि बांध सुरक्षा अधिनियम राज्यों के अपने क्षेत्र के अंदर और बाहर स्थित बांधों पर नियंत्रण को पूरी तरह से नकार देगा।

उच्च न्यायालय ने अपील की अनुमति दी और 10 जनवरी को सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी।

बांध सुरक्षा अधिनियम 2021 को राज्यसभा में विपक्षी दलों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था। उन्होंने विभिन्न प्रावधानों पर आपत्ति जताई थी, जिसमें बांध सुरक्षा पर राष्ट्रीय समिति की स्थापना भी शामिल थी, जिसमें राज्यों के केवल सात प्रतिनिधि होंगे।

तमिलनाडु में राजनीतिक दलों ने भी बांध सुरक्षा अधिनियम का विरोध करते हुए कहा था कि कावेरी और पलार सहित अंतर-राज्यीय नदियों में पानी के अपने हिस्से के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर राज्य को अधिकारों से वंचित किया जाएगा।

 

(आईएएनएस)

Created On :   4 Jan 2022 3:30 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story