माफिया ब्रजेश सिंह सेंट्रल जेल वाराणसी जेल से रिहा

Mafia Brajesh Singh released from Central Jail Varanasi Jail
माफिया ब्रजेश सिंह सेंट्रल जेल वाराणसी जेल से रिहा
उत्तर प्रदेश माफिया ब्रजेश सिंह सेंट्रल जेल वाराणसी जेल से रिहा
हाईलाइट
  • हमलावरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। माफिया मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमले और हत्या के षडयंत्र के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद माफिया बृजेश सिंह इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद वह गुरुवार को रिहा कर दिया गया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट से बुधवार को उसरी चट्टी कांड में मिली जमानत के बाद गुरुवार को गाजीपुर के अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) रामसुध सिंह की विशेष एमपीएमएलए कोर्ट ने दो लाख के मुचलके पर बृजेश सिंह की रिहाई का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट से आदेश देर शाम वाराणसी सेंट्रल जेल पहुंचने के बाद बृजेश सिंह रिहा कर दिया गया।

करीब 21 साल पुराने उसरी चट्टी कांड में आरोपित पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह उर्फ अरुण कुमार सिंह अर्से तक फरार था। पुलिस ने उन्हें 23 जनवरी 2008 में उड़ीसा में गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद है। हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार को उसकी रिहाई का आदेश दिया गया। हाईकोर्ट की कॉपी जमा किए जाने के बाद विशेष एमपीएमएलए कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये के मुचलके पर उसकी रिहाई का आदेश दिया। मुहम्मदबाद क्षेत्र में 15 जुलाई, 2001 को दिन में 12.30 बजे उसरी चट्टी के पास मऊ जा रहे बाहुबली मुख्तार अंसारी के काफिले पर स्वचालित हथियारों से हमला किया गया। इसमें बाहुबली के गनर की मौके पर मृत्यु हो गई। एक हमलावर शूटर भी मारा गया। मामले में मुख्तार ने बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ नामजद और 15 अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। दो आरोपियों की मौत विवेचना के दौरान मौत हो गई।

जमानत के समर्थन में याची की ओर से कहा गया कि वह इस मामले में 2009 से जेल में बंद है। इससे पूर्व उसकी पहली जमानत अर्जी इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। साथ ही कोर्ट ने विचारण न्यायाधीश को निर्देश दिया था कि मुकदमे का विचारण में एक वर्ष के अंदर सभी गवाहों की गवाही पूरी कर ली जाए और ट्रायल पूरा किया जाए। इसकी अवधि बीतने के बाद भी सिर्फ एक ही गवाह का बयान दर्ज कराया जा सका है। यह भी कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मामलों का इतिहास है। इनमें से 15 में वह बरी या डिस्चार्ज हो चुका है। सिर्फ तीन मुकदमों में विचारण चल रहा है। इनमें से दो मुकदमों में वह जमानत पर है। सिर्फ इस एक मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। मुकदमे का ट्रायल जल्द पूरा होने की उम्मीद नहीं है।

राज्य सरकार और मुख्तार अंसारी की ओर से अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने जमानत अर्जी का विरोध किया गया। कहा गया कि याची के खिलाफ 41 आपराधिक मुकदमे हैं। उसे जेल से रिहा करना उचित नहीं है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने सौदान सिंह केस के निर्देश, तथ्यों और परिस्थितियों के मद्देनजर ब्रजेश सिंह को सशर्त जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया।

 

आईएएनएस

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Created On :   4 Aug 2022 6:30 PM GMT

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