सिसोदिया ने सरकारी कॉलेजों में प्रतिनिधियों की नियुक्ति में हो रही देरी पर चिंता जताई

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
दिल्ली सिसोदिया ने सरकारी कॉलेजों में प्रतिनिधियों की नियुक्ति में हो रही देरी पर चिंता जताई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को दिल्ली सरकार के कॉलेजों के गवर्निग बॉडीज में प्रतिनिधियों की नियुक्ति में देरी को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखा।

सिसोदिया ने 28 सरकारी कॉलेजों के गवनिर्ंग बॉडीज के लिए दिल्ली सरकार के नामांकन विश्वविद्यालय को भेजे जाने के बाद से 20 दिनों की देरी को रेखांकित करते हुए दावा किया, 3 फरवरी को हुई हालिया कार्यकारी परिषद की बैठक में इस मुद्दे को न तो पेश किया गया और न ही इस पर चर्चा की गई।

डिप्टी सीएम ने पत्र लिखा गया कि जानबूझकर की गई इस देरी के बारे में हमें अभी कुछ भी सुनने को नहीं मिला है। जबकि गवनिर्ंग बॉडीज (जीबी) के लिए नामों की सूची लंबित है, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज पूर्ण जीबी के बिना साक्षात्कार के साथ आगे बढ़ रहा है।

पत्र में आगे लिखा गया है, हम तदर्थ (हॉक) और अस्थायी शिक्षकों को बनाए रखने के लिए इन 28 जीबी के सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं क्योंकि हम ²ढ़ता से मानते हैं कि कक्षा शिक्षण के अनुभव को बदला नहीं जा सकता है। विश्वविद्यालय की शैक्षणिक कठोरता और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए हजारों तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों के अनुभव की आवश्यकता है।

इसलिए, इन 28 दिल्ली सरकार के कॉलेजों में पूर्ण गवनिर्ंग बॉडीज समय की जरूरत है क्योंकि लगभग 70 प्रतिशत तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों को कॉलेजों में चल रहे साक्षात्कारों में विस्थापित होने की सूचना मिली है।

सिसोदिया ने बड़े पैमाने पर विस्थापन ने उनके परिवारों की आजीविका छीन ली है पर प्रकाश डालते हुए कहा, संवेदनशील और उत्तरदायी सरकार के नुमाइंदों की भागीदारी के लिए एक वैधानिक प्रावधान है और इसलिए उन्हें वर्षों से इन कॉलेजों में कार्यरत तदर्थ और अस्थायी शिक्षकों की सुरक्षा के अपने कर्तव्य से विमुख होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

हालांकि, वर्तमान में दिल्ली के एनसीटी सरकार द्वारा वित्त पोषित 28 कॉलेजों में से अधिकांश का संचालन एक ट्रंकेटेड बॉडीज द्वारा किया जा रहा है जिसमें जीएनसीटीडी प्रतिनिधित्व के किसी भी रूप का अभाव है।

उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बाद की अनुपस्थिति में, पदोन्नति, नियुक्तियों और कुशल संचालन से संबंधित अन्य मुद्दों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की कॉलेज की क्षमता गंभीर रूप से बाधित होगी।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बाद के अभाव में पदोन्नति, नियुक्तियों और कुशल संचालन से संबंधित अन्य मुद्दों के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेने की कॉलेज की क्षमता गंभीर रूप से बाधित होगी।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि किसी भी तरह की देरी से इन कॉलेजों के प्रशासन और शासन पर गंभीर संकट आ सकता है। मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए, शासी निकायों के गठन को जल्द से जल्द शुरू करने की जरूरत है।

(आईएएनएस)

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   21 Feb 2023 6:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story