सेलिब्रिटी के लिए भ्रामक विज्ञापन मामले में सजा का प्रावधान नहीं : पासवान

No punishment for celebrity in misleading advertisement case: Paswan
सेलिब्रिटी के लिए भ्रामक विज्ञापन मामले में सजा का प्रावधान नहीं : पासवान
सेलिब्रिटी के लिए भ्रामक विज्ञापन मामले में सजा का प्रावधान नहीं : पासवान
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  • सेलिब्रिटी के लिए भ्रामक विज्ञापन मामले में सजा का प्रावधान नहीं : पासवान

नई दिल्ली, 20 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने सोमवार को स्पष्ट किया कि नए उपभोक्ता कानून में किसी उत्पाद के भ्रामक विज्ञापन के मामले में विज्ञापन करने वाले सेलिब्रिटी के लिए जेल या जुर्माने की सजा का प्रावधान नहीं है बशर्ते सेलिब्रिटी ने उत्पाद के संबंध में वही बोला या पढ़ा हो जो उसे लिखकर दिया गया हो।

वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 सोमवार से देशभर में लागू हो गया है। भ्रामक विज्ञापन देकर उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले विनिमार्ता व सेवा प्रदाता के लिए इस कानून के तहत जेल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नए कानून के मूल विधेयक में भ्रामक विज्ञापन का समर्थन करने पर सेलिब्रिटी के लिए भी दंड का प्रावधान था, लेकिन बाद में इसे हटा दिया गया क्योंकि दूसरे देशों में भी सेलिब्रिटी के लिए ऐसे मामले में दंड का विधान नहीं है।

हालांकि भ्रामक विज्ञापन मामले में सेलिब्रिटी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकते हैं और यह तय करने की शक्ति केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) के पास होगी।

नये उपभोक्ता संरक्षण कानून में सीसीपीए को उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच करने और शिकायत दर्ज करने और अभियोजन करने, असुरक्षित वस्तु और सेवाओं को वापस लेने, अनुचित व्यापार प्रथाओं और भ्रामक विज्ञापनों को जारी न रखने का आदेश देने, भ्रामक विज्ञापनों के विनिमार्ताओं/ समर्थनकर्ताओं/ प्रकाशकों पर जुर्माना लगाने की शक्तियां प्रदान की गई हैं।

उपभोक्ता संरक्षण कानून-2019 के अध्याय-7 में अपराध और दंड का प्रावधान है। इसमें कहा गया है कि कोई विनिर्माता या सेवा प्रदाता अगर गलत या भ्रामक विज्ञापन देता है तो इसके लिए दो साल कारावास की सजा और 10 लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। सजा का यह प्रावधान पहली बार भ्रामक व झूठा विज्ञापन का दोषी पाए जाने पर है जबकि अगली बार भी दोषी पाए जाने पर पांच साल तक कारावास की सजा और 50 लाख रुपये तक जुर्माना का प्रावधान है।

-- आईएएनएस

Created On :   20 July 2020 11:31 AM GMT

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