राहुल की भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरा
- राहुल की भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरा
डिजिटल डेस्क,बेंगलुरु। कर्नाटक में चल रही भारत जोड़ो यात्रा के विफल होने की आलोचना से बेफिक्र, कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता अपने नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही 21 दिवसीय पदयात्रा के परिणाम को लेकर उत्साहित हैं।
राहुल ने एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार और विपक्ष के नेता सिद्धारमैया के बीच बढ़ी दूरियां घटने की कोशिश की।एआईसीसी प्रमुख पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्मीदवारी ने भी उत्पीड़ित समुदायों में एक अनुकूल माहौल पैदा किया है।अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यात्रा को पार्टी कार्यकर्ताओं और आम लोगों के बीच जो प्रतिक्रिया मिल रही है, वह सत्तारूढ़ भाजपा के लिए चिंताजनक क्षण है।
ऑक्सीजन की कमी की त्रासदी ने चामराजनगर में 24 लोगों की जान ले ली थी। राहुल गांधी ने पीड़ित परिवारों से बातचीत की और मृतकों के परिवार के सदस्यों के प्रति सहानुभूति दिखाते हुए उन्हें कांग्रेस की सरकार बनने पर नौकरी देने का आश्वासन दिया, जिसने लोगों के दिल को छुआ।
आयोजकों ने मानव त्रासदी को याद करते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति उदासीनता को लेकर भाजपा की आलोचना की। उन्होंने इस मुद्दे को दबाने की कोशिश करने के लिए पार्टी के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त किया, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी ने यह मानने से इनकार कर दिया कि ऑक्सीजन की कमी के कारण मौतें हुई हैं।राहुल की प्रभावित परिवारों के बच्चों के साथ बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद भाजपा को कोसने वाली टिप्पणियों की बाढ़ आ गई।
कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार, जिस पार्टी ने सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को निशाने पर लेते हुए पेसीएम अभियान चलाकर जनता का ध्यान आकर्षित किया, वह आने वाले दिनों में और अधिक आक्रामक हो जाएगी।
भारत जोड़ो यात्रा को भारत तोड़ो यात्रा बताते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने घोषणा की कि वह दशहरा उत्सव के तुरंत बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के पुराने नेता बी.एस.येदियुरप्पा के साथ पूरे राज्य का दौरा करेंगे।सत्तारूढ़ दल ने एक साल का कार्यकाल पूरा होने पर डोड्डाबल्लापुर में अपने मेगा इवेंट के साथ दक्षिण कर्नाटक में अपनी जड़ें जमाने की कोशिश की, जहां कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टी जद (एस) का दबदबा है।
भाजपा, जिसने कर्नाटक में आम विधानसभा चुनावों में कभी भी सामान्य बहुमत हासिल नहीं किया है और सिर्फ ऑपरेशन लोटस के जरिए सत्ता हासिल करने में कामयाब रही है, उसे उम्मीद है कि वह भ्रम तोड़ेगी और बहुमत हासिल कर लेगी।भाजपा के लिए दक्षिण कर्नाटक में विधानसभा की सीटें जीतना महत्वपूर्ण है, लेकिन राजनीतिक पंडितों के अनुसार, भारत जोड़ो यात्रा भगवा पार्टी के लिए एक बड़ी बाधा साबित होगी।
राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा है कि राहुल की यात्रा के बाद पार्टी वह हैसियत हासिल करेगी, जैसे वह कर्नाटक के चिक्कमगलूर संसदीय क्षेत्र में दिवंगत पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की जीत के साथ हासिल करने में कामयाब रही थी।
कर्नाटक में आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष पृथ्वी रेड्डी ने आईएएनएस से कहा कि कांग्रेस परोक्ष रूप से सत्तारूढ़ भाजपा की सबसे बड़ी ताकत रही है। राज्य में मौजूदा संकट न केवल सत्तारूढ़ दल भाजपा की विफलता है, बल्कि विपक्षी दल की विफलता से उपजा है।
पृथ्वी रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस लोगों के मुद्दों को उठाने में विफल रही है। भारत जोड़ो यात्रा के बहाने कांग्रेस वास्तव में पार्टी को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। कर्नाटक के लोग तीन पार्टियों- भाजपा, कांग्रेस और जद (एस) से तंग आ चुके हैं। लोगों को कांग्रेस पार्टी में उम्मीद नजर नहीं आ रही है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री व जद (एस) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि देश कब विभाजन हो गया, जिसे जोड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी को भारत जोड़ो यात्रा निकालनी पड़ी।उन्होंने कहा, राज्य कई संकटों से जूझ रहा है। क्या कांग्रेस पार्टी भारत जोड़ो यात्रा और पेसीएम अभियान से इन संकटों को हल कर पाएगी?
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Created On :   1 Oct 2022 4:00 PM IST