आठ दलों पर जुर्माना लगाया, बिहार चुनाव में अपनी वेबसाइट पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी नहीं दी थी

SC fines 8 political parties for non-disclosure of criminal info of candidates in Bihar polls
आठ दलों पर जुर्माना लगाया, बिहार चुनाव में अपनी वेबसाइट पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी नहीं दी थी
सुप्रीम कोर्ट आठ दलों पर जुर्माना लगाया, बिहार चुनाव में अपनी वेबसाइट पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों की जानकारी नहीं दी थी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस सहित आठ राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने इन दलों को बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के विवरण प्रस्तुत करने के अदालत के आदेश का पालन करने में विफल रहने के लिए ये जुर्माना लगाया है।

इन राजनीतिक दलों को ऐसे उम्मीदवारों के बारे में समाचार पत्रों के साथ-साथ सोशल मीडिया पर जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, छह दलों - भाजपा, कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल यूनाइटेड, भाकपा और लोक जन शक्ति पार्टी पर पार्शियल नॉन-कंप्लायंस के लिए 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर टॉप कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन न करने पर 5-5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

कोर्ट ने कहा,  "हम प्रतिवादी संख्या 3,4,5,6,7 और 11 को निर्देश देते हैं कि वे ईसीआई के बनाए गए अकाउंट में 1-1 लाख रुपये की राशि 8 हफ्ते में जमा करें। जहां तक ​​प्रतिवादी संख्या 8 और 9 का संबंध है, चूंकि उन्होंने कोर्ट के जारी निर्देशों का बिल्कुल भी पालन नहीं किया है, हम उन्हें उक्त अवधि के भीतर उक्त खाते में  5-5 लाख रुपये की राशि जमा करने का निर्देश देते हैं।

पिछले साल फरवरी में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का विवरण अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने ये भी कहा था कि राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करना होगा कि उन्होंने आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों का चयन क्यों किया।

जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के चयन का कारण योग्यता होना चाहिए, न कि केवल जीतने के आधार पर। अदालत ने एक अवमानना ​​याचिका पर आदेश पारित किया था जिसमें राजनीति के अपराधीकरण का मुद्दा उठाया गया था। इसमें दावा किया गया था कि शीर्ष अदालत के सितंबर 2018 के अपने फैसले का पालन नहीं किया जा रहा है जो उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास के खुलासे से संबंधित था।
 

Created On :   10 Aug 2021 7:43 PM IST

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