जितेंद्र त्यागी की जमानत याचिका पर कहा नफरत भरे भाषणों से माहौल खराब न करें

Supreme Court on Jitendra Tyagis bail plea says Dont spoil the atmosphere with hate speeches
जितेंद्र त्यागी की जमानत याचिका पर कहा नफरत भरे भाषणों से माहौल खराब न करें
सुप्रीम कोर्ट जितेंद्र त्यागी की जमानत याचिका पर कहा नफरत भरे भाषणों से माहौल खराब न करें

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जितेंद्र त्यागी (पूर्व में वसीम रिजवी) की जमानत याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि लोगों को शांति से एक साथ रहना चाहिए और जीवन का आनंद लेना चाहिए।

जितेंद्र त्यागी को पिछले साल दिसंबर में आयोजित हरिद्वार धर्म संसद (धार्मिक सभा) में भड़काऊ भाषण के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था।

जितेंद्र त्यागी को पहले वसीम रिजवी के नाम से जाना जाता था। यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष त्यागी ने हाल ही में हिंदू (सनातन) धर्म अपना लिया था।

जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने कहा, शांति से साथ रहें, जीवन का आनंद लें..।

अदालत ने त्यागी की याचिका पर उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया।

सुनवाई के दौरान पीठ ने वक्ताओं को संवेदनशील बनने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि वे ऐसा कोई भाषण न दें, जिससे माहौल खराब हो।

त्यागी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसने मार्च में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

शुरुआत में, पीठ ने त्यागी के वकील से पूछा, धर्म संसद क्या है?

इस पर त्यागी का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने प्रस्तुत किया कि घटना के वीडियो से, वह केवल अनुमान लगा सकते हैं कि भगवा कपड़े पहने हुए लोग भाषण दे रहे थे। इस पर पीठ ने कहा कि इस तरह के भाषण माहौल खराब करते हैं।

लूथरा ने तर्क दिया कि देश के लोगों को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए और बताया कि उनका मुवक्किल करीब 6 महीने से हिरासत में है।

राज्य सरकार के वकील ने त्यागी की जमानत याचिका का विरोध किया तो पीठ ने पूछा कि क्या आगे की जांच की आवश्यकता है, क्योंकि मामले में आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है।

इसने यह भी पूछा कि त्यागी के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम सजा क्या है। राज्य सरकार के वकील ने कहा कि अधिकतम सजा 5 साल है, क्योंकि भाषण एक धार्मिक स्थान पर दिए गए थे। हालांकि लूथरा ने कहा कि धर्म संसद कोई धार्मिक स्थल नहीं है और इसके लिए अधिकतम सजा 3 साल है।

दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने त्यागी की जमानत याचिका पर उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई 17 मई को निर्धारित की।

इसी साल जनवरी में उत्तराखंड पुलिस ने उन्हें हरिद्वार में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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Created On :   12 May 2022 11:00 PM IST

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